यूट्यूब पर मौजूद एक वीडियो में 24 घंटे में बिना दवा डायबिटीज ठीक करने का दावा किया गया है. डायबिटीज ही नहीं बल्कि हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां और दूसरी लाइफस्टाइल बीमारियों को बिना दवा के ठीक करने का दावा करने वाले 16 मिनट के इस वीडियो के करीब 8 लाख व्यूज हैं और करीब 1800 कॉमेंट हैं.
वीडियो बिश्वरूप रॉय चौधरी का है, फिट ने इससे पहले भी डायबिटीज पर इनके एक वीडियो की पड़ताल की थी, जिसमें फल खाकर डायबिटीज के इलाज का दावा किया गया था, जिसे एंड्रोक्राइनोलॉजी एक्सपर्ट ने गलत बताया था.
वहीं अब इस दूसरे वीडियो में यहां तक कहा गया है कि बीपी और डायबिटीज की जो दवाइयां हैं, वो बीमारी को ठीक नहीं करती बल्कि समस्या और बढ़ा देती हैं और आप सिर्फ अपने खानपान में बदलाव कर इन बीमारियों से कुछ दिनों में छुटकारा पा सकते हैं.
वीडियो में किए गए दावों की पड़ताल के लिए फिट ने जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मुंबई में जनरल मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ रोहन सीक्वेरिया, एम्स, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ संदीप मिश्रा और मुंबई स्थित एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ संतोष कुमार डोरा से संपर्क किया.
एक्सपर्ट्स ने डायबिटीज की दवा से अंगों के सड़ने, बीपी की दवा से दिल कमजोर होने और बिना दवा सिर्फ खानपान में बदलाव कर लाइफस्टाइल बीमारियों के इलाज के दावे को गलत बताया है.
हम यहां एक-एक कर इन पर बात करते हैं.
वीडियो में बताया जा रहा है कि डायबिटीज की दवाइयां शुगर को ब्लड से निकालकर कहीं और (जैसे दिल, किडनी या आंखें) छिपा देती हैं और वो अंग धीरे-धीरे सड़ने लगता है.
मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में जनरल मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ रोहन सीक्वेरिया इस दावे को पूरी तरह से गलत बताते हैं.
डायबिटीज में दवाइयों की जरूरत पर डॉ सीक्वेरिया समझाते हैं कि जैसे टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन या तो होता नहीं है या फिर बेहद कम होता है. इन मरीजों को अगर इंसुलिन न दिया जाए, तो ये मरीज कोमा में जा सकते हैं, उनकी जान को खतरा हो सकता है.
वो बताते हैं, "मरीज को किस तरह की दवा देनी है, ये डॉक्टर तय करते हैं. पूरी दुनिया में जितने रिसर्च हुए हैं, उसमें ये पाया गया है कि डायबिटीज में शुगर जितना कंट्रोल किया जाता है, अंगों को उतना ही कम नुकसान पहुंचता है."
एम्स, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ संदीप मिश्रा और मुंबई स्थित एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ संतोष कुमार डोरा दोनों इस दावे को गलत बताते हैं.
डॉ संतोष कुमार डोरा बताते हैं, "ऐसा नहीं है कि हाई बीपी की दवाइयां ब्लड वेसल के ब्लॉकेज के लिए काम नहीं करती हैं या दिल को कमजोर कर देती हैं. हाई बीपी की कई तरह की दवाइयां होती हैं, जैसे कुछ दवाइयां ब्लड वेसल को रिलैक्स करने में मदद करती हैं, कुछ सीधे दिल पर काम करती हैं, कुछ सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर काम करती हैं. बीपी की दवाइयों का काम ब्लड वेसल को रिलैक्स करना होता है ताकि बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर नीचे आ जाए."
डॉ संदीप मिश्रा बताते हैं, "हाई ब्लड प्रेशर की कई दवाइयां खासकर ACE-I दिल को मजबूती देती हैं."
डॉ डोरा सावधान करते हैं कि अगर हाई ब्लड प्रेशर के मरीज बीपी की दवा नहीं लेंगे, तो ज्यादा नुकसान होगा.
डॉ सीक्वेरिया कहते हैं कि कोई भी मेडिसिन लंबे रिसर्च के बाद आती है और उसके बाद भी उसके असर पर नजर रखी जाती है क्योंकि साइंस हमेशा एडवांस होता है. अगर दवाइयों से नुकसान होता है, तो उन्हें बैन कर दिया जाता है.
वीडियो में दावा किया गया है कि खाने में ज्यादा से ज्यादा व्होल प्लांट फूड को शामिल कर और डिब्बाबंद-पैकेट बंद चीजों से परहेज कर हाई बीपी, डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल बीमारियों का इलाज हो सकता है.
डॉ संतोष कुमार डोरा समझाते हैं कि दो बातें हैं, एक बचाव यानी जो बीमारी आज नहीं हुई है, भविष्य में भी वो बीमारी न हो और दूसरा जो बीमारी हो गई है, उसका इलाज.
हालांकि सबसे जरूरी बात ये है कि लाइफस्टाइल बीमारियों के कई रिस्क फैक्टर होते हैं, जैसे फैमिली हिस्ट्री, बढ़ती उम्र, स्मोकिंग, खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी.
वहीं किसी बीमारी के इलाज में दवा के साथ हेल्दी खाना और जरूरी एक्सरसाइज ट्रीटमेंट का ही एक हिस्सा होता है, जैसे नमक कम करना, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज का बीपी पर असर होगा. लेकिन आप दवा छोड़कर ट्रीटमेंट के लिए सिर्फ डाइट पर निर्भर नहीं रह सकते हैं.
डॉ संदीप मिश्रा भी कहते हैं कि हेल्दी खानपान से बीमारी में होने वाली दिक्कतों को कम करने में और बीमारी आगे बढ़ने को धीमा करने में मदद मिल सकती है.
डॉ रोहन सीक्वेरिया बताते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को हम लो कार्बोहाइड्रेट, हाई प्रोटीन और लो फैट डाइट की सलाह देते हैं. इसके साथ ही एक्सरसाइज करने को कहते हैं.
बात जब लाइफस्टाइल बीमारियों के इलाज की आती है, तो दवाइयां और लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव दोनों अहम होते हैं.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि डाइट पर कंट्रोल को बुरी चीज नहीं है. डायबिटीज हो, ब्लड प्रेशर हो, हार्ट डिजीज हो या किडनी की बीमारी हो, हर मरीज के लिए खानपान पर नियंत्रण जरूरी है, एक्सरसाइज जरूरी है, लेकिन उन्हें दवा लेनी है या नहीं ये मरीजों के डॉक्टर तय कर सकते हैं.
डॉ रोहन सीक्वेरिया कहते हैं, "ऐसे कई लोग हैं जो गलत दावे करते हैं और इस तरह के काफी वीडियो मौजूद हैं. ये लोगों के डर पर काम करते हैं. लोगों के दिमाग में डर होता है कि मैं अगर दवा लूंगा तो बीमार हो जाऊंगा लेकिन ऐसा नहीं होता है. सभी की चाहत होती है कि दवा न लेना पड़े या नैचुरल तरीके से बीमारी ठीक हो जाए, लेकिन आप बिना दवा इलाज का दावा करने वाले इन लोगों की क्वालिफिकेशन देखें, इन पर भरोसा करने की बजाए जरूरी है कि लोग अपने डॉक्टर से सलाह लें."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 28 Aug 2020,04:09 PM IST