इस बात की संभावना बहुत अधिक है कि आपके आसपास कोई ना कोई डायबिटीज का शिकार हो. आज की दुनिया में, डायबिटीज इतनी आम बात हो गई है कि लोगों ने इसे एक बीमारी के तौर पर देखना बंद कर दिया है.
डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर के लेवल को प्रभावित नहीं करता है बल्कि अगर इसे मैनेज नहीं किया जाए तो, इससे मोटापा, किडनी फेल होना और स्ट्रोक हो सकता है.
टाइप 1 डायबिटीज में, बॉडी इंसुलिन प्रोड्यूस नहीं करती. दूसरी ओर, टाइप 2 डायबिटीज में बॉडी इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाती है. इसे इंसुलिन रेजिस्टेंस कहा जाता है.
आयुर्वेद के अनुसार, डायबिटीज जिसे मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है, एक बड़ी बीमारी या महा रोग है. ये एक चयापचय विकार (metabolic disorder) है. केवल ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके इसका इलाज नहीं किया जा सकता है.
डायबिटीज के आयुर्वेदिक उपचार में यह सुनिश्चित करके ब्लड शुगर के लेवल को सही करना शामिल है कि बाद में कोई दिक्कत न आए.
आयुर्वेद में माना गया है कि आहार (डाइट) और विहार (लाइफस्टाइल) को बदलकर डायबिटीज कंट्रोल की जा सकती है. ये परिवर्तन किसी व्यक्ति के बॉडी के कॉन्स्टिट्यूशन या उसकी प्रकृति के अनुसार किए जाते हैं.
जानिए डायबिटीज से निपटने के कुछ आयुर्वेदिक तरीके:
आयुर्वेद कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स खाने की सलाह देता है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) फूड प्रोडक्ट्स में कार्बोहाइड्रेट की एक रिलेटिव रैंकिंग है कि वे ब्लड शुगल के लेवल को कैसे प्रभावित करते हैं.
फिट से बात करते हुए, जीवा आयुर्वेद के डॉ मुकेश शर्मा कहते हैं:
डायबिटिक लोगों के लिए ये सबसे पहला नियम है. मिठाई, चॉकलेट, कैंडी, चीनी और बहुत मीठे फलों से परहेज करें. नानास, अंगूर और आम जैसे फलों से खास तौर पर बचा जाना चाहिए. अगर ये चीजें खानी ही हैं, तो बहुत कम खाएं.
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए, आयुर्वेद में कसैली चीजें खाने की सलाह दी जाती है. करेले जैसी चीजें इंसुलिन और ग्लूकोज के लेवल को बहुत अच्छी तरह से बैलेंस करने में मदद कर सकती हैं.
डॉ शर्मा का सुझाव है कि डायबिटीज के रोगियों को दूध और घी जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स से बचना चाहिए क्योंकि वे पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं. इससे इंसुलिन का लेवल प्रभावित होता है.
डायबिटीज रोगियों को फिजिकली एक्टिव रहने और हमेशा बैठे रहने वाली लाइफस्टाइल से बचने का टार्गेट रखना चाहिए. टहलना और जॉगिंग जैसे हल्के एरोबिक एक्सरसाइज ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करेंगे. डॉ शर्मा कहते हैं:
एक और बात जो डायबिटीज के रोगियों को ध्यान में रखनी चाहिए, वह है रात में अच्छी नींद लेना. 6 से 8 घंटे की नींद लेना सबसे अच्छा है. समय पर सोना और जागना बहुत जरूरी है.
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