हाल ही में एक खबर आई कि वॉशिंगटन में कार में रखे ड्राई आइस के कारण एक महिला की मौत हो गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी 27 जुलाई को 77 साल की महिला को उसके बेटे की कार में डेड पाया गया, जिसमें ड्राई आइस के कई कंटेनर पड़े हुए थे.
दरअसल वो शख्स आइसक्रीम का सेल्समैन है, उसने कार में पीछे की तरफ ड्राई आइस के चार कूलर रखे थे. ऐसा माना जा रहा है कि ड्राई आइस के धुएं में दम घुटने से उसकी मां की मौत हो गई.
क्या ऐसा वाकई हो सकता है? क्या आइसक्रीम को पिघलने से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा ड्राई आइस किसी के लिए जानलेवा साबित हो सकता है?
ड्राई आइस यानी शुष्क बर्फ, कार्बन डाइऑक्साइड गैस का ठोस रूप है, वही गैस जिसे सांस के दौरान हम शरीर से बाहर छोड़ते हैं.
नॉर्मल हवा में 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन और केवल 0.035% कार्बन डाइऑक्साइड होता है. अगर हवा में कार्बन डाइऑक्साइड 0.5% से अधिक हो जाए तो ये खतरनाक हो सकता है.
सामान्य वातावरण में ड्राई आइस सॉलिड स्टेट से सीधे गैस में बदलती है, इस प्रक्रिया को उर्ध्वपातन (sublimation) कहते हैं.
आपने कभी ड्राई आइस यूज किया है? यूज न किया हो, लेकिन कभी न कभी थिएटर्स के धुएं जैसे स्पेशल इफेक्ट्स देखे होंगे, कभी ड्रिंक्स में उठता सफेद धुंध देखा होगा, यहां ड्राई आइस ही होता है. ड्राई आइस खासकर फ्रीजिंग और चीजों को जमा हुआ रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. फ्लोर टाइल हटाने से लेकर इसके कई मेडिकल यूज हैं. इसके अलावा भी इसके कई प्रयोग होते हैं.
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) की इस रिपोर्ट के मुताबिक क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड गंधहीन और रंगहीन होती है, इसलिए जो लोग ड्राई आइस इस्तेमाल, ट्रांसपोर्ट और स्टोर करते हैं, उन्हें इसके संभावित खतरों के बारे में जरूर शिक्षित करना चाहिए.
dryiceInfo.com ड्राई आइस से जुड़ी कुछ जरूर जानकारी देता है:
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