गर्मियों में आमतौर पर पानी की कमी के कारण कब्ज (Constipation) की समस्या हो जाती है क्योंकि चिलचिलाती गर्मी शरीर से पानी निकाल लेती है और मल का उत्सर्जन कठिन बना देती है.
वहीं इस समय महामारी के कारण हमारी गतिविधियां सीमित हुई हैं, एक्सरसाइज तो लगभग न के बराबर रह गई है और इस वजह से कब्ज की समस्या का सामना वो लोग भी कर रहे हैं, जिन्हें पहले कभी ये दिक्कत नहीं हुई.
क्या आपको भी कब्ज की समस्या हो रही है?
पेट को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए यहां कुछ घरेलू उपाय बताए जा रहे हैं, जिन्हें आप भी आजमा सकते हैं.
खाना खाने के कम से कम 30 मिनट पहले और 30 मिनट बाद गुनगुना पानी पीएं.
यह पाचन तंत्र को साफ करने में मदद करता है और पेट में गैस्ट्रिक जूस के स्राव को उत्तेजित करता है, कब्ज को दूर करने में मदद करता है.
अदरक का पानी शहद के साथ दिन में दो या तीन बार लें
अदरक (Ginger) और शहद (Honey) दोनों में प्राकृतिक लैक्सेटिव (मुलायम करना) गुण होते हैं जो मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करते हैं.
किशमिश, अजवाइन, सौंफ, अदरक को 2 कप पानी में तब तक उबालें जब तक कि वह 1 कप न रह जाए और इस पेय को रात को सोते समय पीएं.
ये चारों आंतों की बहुत मदद करते हैं.
नींबू में सिट्रिक एसिड होता है, जो पाचन तंत्र में उत्तेजक के रूप में काम करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे आपको कब्ज से राहत मिलती है.
गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ें और दोगुने फायदे के लिए इसमें थोड़ा सा शहद भी मिलाएं.
अपनी सब्जियों में एक चम्मच घी डालें या सोते समय घी के साथ एक कप दूध पीएं.
अगर दूध नहीं पीना चाहते, तो गुनगुने पानी के साथ घी लें.
यह उत्सर्जन पथ में सूखेपन से निपटने में मदद करता है.
व्हीटग्रास (गेहूं की घास) जूस लें. व्हीटग्रास आंतों को साफ करता है और पेट फूलने, पेट की दूसरी परेशानी और कब्ज को कम करने में मदद करता है.
बस पानी में व्हीटग्रास पाउडर मिलाएं या इसे ब्लेंडर में पानी के साथ ताजा पीसने के बाद छानकर पीएं.
रात को दूध के साथ गुलकंद का सेवन करें.
एक गुलकंद में गर्म दूध डालें, अच्छी तरह मिलाएं और पीएं. चीनी या गुड़ मिला सकते हैं (वैकल्पिक).
गुलकंद एक प्राकृतिक शीतलक (गर्मियों के लिए बढ़िया) है और एक हल्का लैक्सेटिव (मुलायम करना) भी है.
भिंडी में कब्ज से लड़ने वाले अघुलनशील फाइबर, साथ ही विटामिन बी 6 और फोलेट होते हैं, ये दोनों ही पाचन को ठीक रखने में मदद करते हैं.
अंजीर हल्के लैक्सेटिव होते हैं और आवश्यक फाइबर से भरपूर होते हैं.
2 सूखे अंजीर लें या दूध में उबाल लें और मैश करके रात को पीएं.
सूखा आलूबुखारा में अघुलनशील फाइबर के साथ-साथ प्राकृतिक लैक्सेटिव सोर्बिटोल और डायहाइड्रोफेनिलिसटिन होता है.
ताजा या सूखा वाला जो भी आलूबुखारा मिले, उसका सेवन करें.
आंवला फाइबर से भरपूर होने के कारण मल त्याग को नियमित करने में मदद करता है.
यह गैस्ट्रिक जूस के स्राव को भी उत्तेजित करता है और इस तरह पाचन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है.
कद्दू के बीज मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं, एक खनिज जिसकी ज्यादातर लोगों में कमी होती है.
मैग्नीशियम बड़ी आंत में पानी को आकर्षित करता है (मल को नरम करता है) और आंतों की मांसपेशियों को आराम देने में भी मदद करता है, इस तरह कब्ज को रोकने में मदद मिलती है.
1 बड़ा चम्मच कद्दू के बीज लें.
एलोवेरा में एन्थ्राक्विनोन, या प्राकृतिक लैक्सेटिव होता है जो पेरिस्टलसिस (मांसपेशियों की गति जो पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन को स्थानांतरित करता है) को उत्तेजित करने में मदद करता है.
बहुत बार जब अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच संतुलन बिगड़ जाता है (एंटीबायोटिक्स, तनाव या गलत खाने के कारण).
छाछ प्रोबायोटिक्स प्रदान करता है, "अच्छे" बैक्टीरिया आंत में अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को बहाल करने में मदद कर सकते हैं और हमारे पाचन तंत्र को फिर से दुरुस्त कर सकते हैं.
अलसी के तेल की तरह, अलसी के बीज भी मदद करते हैं.
ये फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत हैं, ये सभी आंतों को दुरुस्त करते हैं. साथ ही इनसे घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर मिलते हैं.
बस भुने हुए अलसी के बीज को चबाकर खाएं या पीस कर अपने ओट्स, अनाज पर छिड़कें, या रोजाना पानी या दूध में मिला कर पीएं.
(दिल्ली की कविता देवगन एक न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. इन्होंने दो बुक्स ‘Don't Diet! 50 Habits of Thin People (Jaico)’ और ‘Ultimate Grandmother Hacks: 50 Kickass Traditional Habits for a Fitter You (Rupa) लिखी हैं.)
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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