आजकल हर जगह व्हे प्रोटीन शेक, व्हे कुकीज, व्हे प्रोटीन बार, व्हे आइसक्रीम की ही चर्चा है. फिट रहने की चाहत रखने वाला हर व्यक्ति इसके पीछे दौड़ रहा है. जो भी फिट रहना चाहता है, वह इसे पी रहा है. बीबीसी रिसर्च के अनुसार इसका क्रेज इतना है कि वैश्विक प्रोटीन बाजार के साल 2020 तक 13.5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
आखिर यह सनक या जुनून क्या है? और किसने व्हे प्रोटीन (मट्ठा प्रोटीन) को इतना बिकने वाली चीज बना दिया है?
दूध से हमे दो प्रकार के प्रोटीन केसिन और व्हे मिलते हैं. व्हे वो तरल पदार्थ या पानी है जो पनीर बनाने के क्रम में दूध जमाने के बाद बच जाता है. इससे पहले इस पानी को ऐसे ही छोड़ दिया जाता था. लेकिन जैसे-जैसे जानकारी बढ़ी, इस पानी को अब संरक्षित किया जाता है. इसका प्रयोग सप्लीमेंट्स बनाने में किया जाता है. खिलाड़ी विशेष रूप से इसका प्रयोग करते हैं.
व्हे मक्खन वाले दूध से बनता है न कि पनीर से. इसमें लिपिड स्फिनगोमेलिन होता है.
दुनिया इसके बारे में भले ही अब जान रही हो, लेकिन हम भारतीय हमेशा से ही मक्खन वाले व्हे का प्रयोग कर रहे हैं. ये हमारी दादी और मां के हमेशा सही होने का एक और सबूत है.
रिसर्च में यह पाया गया है कि व्हे एक फंक्शनल फूड (क्रियाशील आहार) हो सकता है. इसका मतलब है कि व्हे के तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत बेहतर हैं. इनमें बेसिक न्यूट्रिशन से बढ़कर हमारे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता है. अल्टरनेटिव मेडिकल रिव्यूः ए जर्नल ऑफ क्लीनिकल थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित एक लेख के अनुसार व्हे में एक एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीहाइपरटेंसिव, एंटीट्यूमर, हाइपोलिपिडेमिक, एंटीवायर, एंटी बैक्टीरियल और कीलेटिंग वाहक के रूप में काम करने की क्षमता है.
आपको इसके बारे में और पूछने की जरूरत है!
सामान्य स्वास्थ्य फायदों के अतिरिक्त इसे स्पोर्ट्स और एक्टिव लाइफस्टाइल पसंद करने वालों में प्रोटीन का स्रोत भी माना जाता है.
इसके अतिरिक्त, जर्नल ऑफ फूड साइंस में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार आसानी व जल्दी से पचने और मसल्स प्रोटीन सिंथेसिस (संश्लेषण) को बढ़ाने की अपनी क्षमता के कारण व्हे एक अच्छा विकल्प है. ब्रांच्ड चेन अमीनो एसिड (बीसीएए) प्रोटीन सिंथेसिस को बढ़ाने के लिए जाना जाता है. इससे किसी अन्य प्रोटीन स्रोत की तुलना में मांसपेशियों में वृद्धि तेजी से होती है.
प्रोटीन प्रत्येक व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट है. लेकिन जो लोग एक्टिव लाइफस्टाइल में हैं या शौकिया/पेशेवर रूप से खेल से जुड़े हैं, उनके लिए प्रोटीन बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. इसे उन लोगों को अपने शरीर का सही वजन पाने और मेंटेन रखने, शरीर को छरहरा बनाने, मसल्स को मजबूत बनाने और बेहतर रिकवरी में मदद मिलती है.
प्रोटीन अमीनो एसिड से मिलकर बनता है. इसमें कुल 21 प्रकार के अमीनो एसिड (एए) होते हैं, जो प्रोटीन मॉलिक्यूल के लिए ब्लॉक्स का निर्माण करते हैं. इनमें से 9 एए महत्वपूर्ण हैं जिनका निर्माण हमारे शरीर के भीतर नहीं होता है. ये हमारे भोजन से मिलता है. ये वो अमीनो एसिड हैं जो हमारे प्रदर्शन और रिकवरी के लिए महत्वपूर्ण हैं.
इन एए की मौजूदगी या गैरमौजूदगी ही भोजन में प्रोटीन की गुणवत्ता को परिभाषित करती है.
व्हे को लेने का समय आपको अपनी जरूरत के आधार पर तय करना चाहिए.
व्हे को चुनना इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अपने लिए क्या लक्ष्य हासिल करना तय किया है. आपको कितना वर्कआउट करना है, इसके लिए प्रोफेशनल स्पोर्ट्स डायटिशियन की मदद लें. ज्यादा हमेशा अच्छा नहीं होता है.
(रुपाली दत्ता एक क्लीनिकल न्यूट्रिशिनिस्ट हैं, जिन्होंने कॉरपोरेट हॉस्पिटलों में टीमों का नेतृत्व किया हैं. उन्हें हेल्थ केयर, फूड और न्यूट्रिशियन- वेलनेस और डिजिज दोनों में गहरी समझ है.)
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