किसी दिन ऐसा भी होता है कि हम जागते हैं, तो पाते हैं कि हमारा शरीर स्पंज जैसा फूला हुआ है, आंखें सूजी हैं, घुटने मोटे हो गए हैं और तोंद बढ़ी हुई है, जिस पर जींस चढ़ाना और बटन लगाना मुश्किल हो रहा है.
कई बार पूरा शरीर फूल जाता है और कई बार सिर्फ एक या दो हिस्से (जैसे कि पेट, घुटने या चेहरा) सूजे होते हैं. ज्यादातर मामलों में यह दशा अस्थाई और नुकसान-रहित होती है, हां थोड़ा असहज जरूर लगता है.
कभी घर में ही केक तैयार किए (और खाए) जा रहे हैं, तो कभी घर में बने गुलाब जामुन और गाजर का हलवा खाया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में महामारी में मिले फेस्टिव टाइम— जिसमें तमाम तली हुई चीजें भी शामिल हैं— की जो अति हो गई है, उसके चलते आज हम बड़े पैमाने पर ब्लोटिंग की समस्या का सामना कर रहे हैं, जिसमें फैला, बेढब और कसा हुआ पेट एक सामान्य बात हो गई.
इस अनचाही ब्लोटिंग का मुकाबला करने के लिए 12 प्वाइंट वाली योजना पर अमल करें.
अगर आप डिहाइड्रेटेड हैं, तो आपका शरीर पानी को जमा करेगा.
ऐसा इसलिए है क्योंकि जिस तरह क्रैश डाइट (बहुत लो कैलोरी डाइट) के दौरान शरीर स्टारवेशन मोड (व्रत) में चला जाता है और फैट इकट्ठा करता है, उसी तरह डिहाइड्रेटेड होने पर आपका शरीर फ्लूड (तरल पदार्थ) इकट्ठा करना शुरू कर देता है.
इसके लिए पार्सले टी (अजवायन चाय) सबसे लोकप्रिय है.
एक कप गर्म पानी में प्रति कप इसके दो छोटे चम्मच सूखे पत्ते डालें और दस मिनट के लिए छोड़ दें. इसे एक दिन में तीन कप तक पी सकते हैं.
सब्जी पर धनिया पत्ती डालने की पुरानी परंपरा को याद करें? इसे फिर से अपनाने की जरूरत है क्योंकि ये सब्जियां प्राकृतिक डायूरेटिक्स हैं और अपच में भी काम आती हैं.
हममें से ज्यादातर लोग कड़वे फूड से बचते हैं, लेकिन वे असल में शरीर में पानी रोकने में कमी लाने में मदद करते हैं.
तो, अपने खाने में इरादतन कुछ तीखे और कसैले फूड आइटम्स को शामिल करें. ये एंजाइम और पित्त प्रवाह को उत्प्रेरित करते हैं, जिससे पाचन बेहतर होता है और लिवर को बेहतरीन तरीके से काम करने में मदद मिलती है, जो कि डिटॉक्स शरीर के लिए जरूरी है.
ये संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं, शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करते हैं और इस तरह शरीर को फालतू पानी से छुटकारा पाने में मदद करते हैं.
हमारी किडनी यह सुनिश्चित करने के लिए शरीर में फ्लूइड को बनाए रखती है कि अतिरिक्त नमक तरल रूप में रहे.
सूप, सलाद, अचार, रोटी, सब्जी, फ्राइज, चावल, दाल और चाहे जो कुछ भी आप खाएं, एक दिन में एक छोटा चम्मच (जो कि करीब 2,400 मिलीग्राम है) मात्रा पर कायम रहने की कोशिश करें. इसके अलावा खाने की चीजों के लेबल को ध्यान से पढ़ें.
हम पर्याप्त मात्रा से ज्यादा सोडियम खाते हैं, लेकिन हम पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम नहीं खाते.
यह असंतुलन ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और फ्लूइड को शरीर में रोकने की प्रवृत्ति को भी जन्म दे सकता है. कैल्शियम और मैग्नीशियम भी शरीर में फ्लूइड संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
पोटैशियम के लिए फल और सब्जियों के कम से कम पांच सर्विंग्स खाएं. मेवे और सीड्स भी अच्छे स्रोत हैं.
मैग्नीशियम के लिए मेवे, अनाज, हरी सब्जियां, आलू, सेब, जामुन, फालसा, आम, आंवला, अमरूद और केला खाएं.
कैल्शियम के लिए डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंजीर खाएं.
बेहतर पाचन तंत्र ब्लोटिंग को रोकने में मदद करता है. घर के अचार, प्रोबायोटिक मिल्क और योगर्ट्स और फर्मेंटेड फूड जैसे कि अंकुरित सब्जियां, चटनी, इडली, डोसा बैटर, ढोकला, अप्पम और लस्सी व कांजी जैसे पेय पदार्थों के जरिये अपने फूड में प्रोबायोटिक्स को शामिल कर अपने पेट में गुड बैक्टीरिया बनाए रखने की कोशिश करें.
विटामिन D शरीर से फालतू फ्लूइड बाहर निकालने में मददगार होता है. भरपूर मात्रा में विटामिन D पाने के लिए रोजाना बिना नागा कुछ वक्त धूप में बिताएं.
कार्बोहाइड्रेट पाचन तंत्र में दखल देते हैं और पानी जमा करने की प्रवृत्ति को बढ़ाते हैं. खासतौर से अपनी आंत की पाचन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए हर तरह की रिफाइंड शुगर से छुटकारा पा लें. इसकी जगह, ढेर सारी सब्जियां और दूसरे हाई क्वालिटी के, अच्छा हो कि ऑर्गेनिक हों, अनप्रोसेस्ड फूड खाएं
ज्यादा वजन लोगों के सिस्टम में एस्ट्रोजन (फैट टिश्यू एस्ट्रोजन का उत्पादन करते हैं) ज्यादा होता है और यह उनके टिश्यू में ज्यादा फ्लूइड बनाए रखने के जोखिम को बढ़ा देता है.
फाइबर न सिर्फ वजन घटाने के लिए जबरदस्त है (यह पेट को इस तरह भरता है कि आप बहुत ज्यादा नहीं खाते), बल्कि यह कब्ज को भी रोकता है, जो आमतौर पर पेट फूलने की वजह बनता है.
अगर शरीर को डेयरी उत्पाद पचाने में मुश्किल होती है, तो आमतौर पर इसका बुरा असर ब्लोटिंग, अपच और गैस के रूप में सामने आता है. इस पर नजर रखें.
इससे शरीर के फालतू फ्लूइड को बाहर निकालने और सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद मिलती है, जो फ्लूइड धारण को रोकने में भी मदद करता है.
टहलना, साइकिलिंग, टेनिस और एक्सरसाइज यह सभी ऐसी गतिविधियां हैं, जो पानी और अन्य फ्लूइड को बाहर निकालने में मदद करती हैं जो कि ऐसा नहीं होने पर आपके पैरों और घुटनों में जमा हो सकता है.
(दिल्ली की कविता देवगन एक न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. इन्होंने दो बुक्स ‘Don't Diet! 50 Habits of Thin People (Jaico)’ और ‘Ultimate Grandmother Hacks: 50 Kickass Traditional Habits for a Fitter You (Rupa) लिखी है.)
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए फिट आपको डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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Published: 17 Feb 2021,04:27 PM IST