भारत में कोरोनावायरस डिजीज-2019 (COVID-19) के मामले अब लगातार बढ़ रहे हैं, हमें इस महामारी का सामना करना ही पड़ेगा और इससे लड़ना होगा. हम इसके तीसरे चरण यानी सामुदायिक संचरण की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं.
रविवार, 22 मार्च को 14 घंटे का जनता कर्फ्यू इसके संचरण का चेन तोड़ने के वैज्ञानिक मापदंडों पर भले ही पूरी तरह से खरा नहीं उतरता, लेकिन इस तरह के अभ्यास से संचरण की दर को कम करने में शायद मदद मिल सकती है.
इसलिए हमें इसका पालन बड़ी दृढ़ता से करना चाहिए.
हाथ धोने से कितनी मदद मिल सकती है, इसके बारे में काफी कुछ बताया और लिखा जा चुका है.
कुछ और चीजें भी हैं, जिसकी हमें आदत पड़ चुकी है और हम जाने-अनजाने बिना उस पर गौर किए लगातार वही काम करते हैं. जैसे बार-बार अपना चेहरा छूने की आदत- हमें ऐसा करने से बचना चाहिए क्योंकि कोरोनावायरस संचरण की ये बड़ी वजह है.
बेहतर होगा कि दरवाजे, खिड़की खोलने के लिए हम अपने उल्टे हाथ का इस्तेमाल करें. जैसे अगर आप हर काम के लिए दाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं, दरवाजे, हैंडल या दूसरी चीजों को छूने के लिए बाएं हाथ का इस्तेमाल करें. जिससे कि दायां हाथ वायरस से दूषित नहीं होगा और अनायास ही चेहरा छू जाने पर वायरस का संचरण नहीं होगा.
इसी तरह नाक में उंगली डालने से भी बचना चाहिए.
अपने कपड़े खासकर तौलिए को रोज धोने की आदत डालें. जिन कपड़ों को रोजाना नहीं धोया जा सकता है, उनको प्रेस करना चाहिए.
ऐसा नहीं होना चाहिए कि घर से बाहर न निकल पाने के कारण आप व्यायाम करना भी छोड़ दें. ऐसा माना गया है कि रोजाना व्यायाम से हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति यानी इम्यूनिटी बढ़ती है.
इस वायरस के बारे में अभी ज्यादा कुछ पता नहीं है, इसलिए नई जानकारी सामने आने के साथ-साथ दिशा-निर्देश भी बदल रहे हैं.
उदाहरण के तौर पर हम हल्दी का सेवन रोजाना कर सकते हैं, हो सके तो हल्दी वाला दूध पीजिए, जिसे 'टर्मरिक लाते' के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध मिल चुकी है.
इससे पहले सार्स और इबोला वायरस के प्रकोप के दौरान कई अध्ययनों में पाया गया कि हल्दी का सक्रिय पदार्थ करक्यूमिन शरीर में संक्रमण के कारण होने वाले बहुत से हानिकारक प्रभावों को रोक सकता है.
वहीं हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquin), जो मलेरिया के इलाज में अचूक दवा सिद्ध हुई और एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin) के बारे में कई सुझाव आए हैं किंतु इससे पहले कि इनको पूर्ण रूप से अपनाया जाए और तथ्यों की जानकारी आवश्यक है.
एक बात साफ है कि वायरस से कोई भी संक्रमित हो सकता है. कई बड़ी हस्तियां और शक्तिशाली लोग इससे प्रभावित हैं और उनमें से कइयों ने गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार का प्रदर्शन किया है.
वहीं इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि हमारी प्राचीन परंपरागत जीवन पद्धति जैसे प्रणाम या नमस्ते से अभिवादन, जूते-चप्पल घर के बाहर ही छोड़ देना, किसी से मिलने से पहले, भोजन से पहले और बाहर से आने के बाद हाथ, पैर, मुंह धोने की आदत आज भी अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो सकती है.
(डॉ अश्विनी सेतिया दिल्ली के मैक्स सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट और प्रोग्राम डायरेक्टर हैं. डॉ सेतिया की कोशिश है कि लोग बिना दवाइयों के हेल्दी और फिट रह सकें. आप इनसे ashwini.setya@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं.)
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Published: 21 Mar 2020,10:26 PM IST