भारत में नवरात्रि का पर्व धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इन समारोहों में दोस्तों और परिवार के साथ कई तरह मिठाइयां, व्रत के व्यंजन और डांडिया शामिल हैं. नवरात्रि 9 दिनों के लिए स्वादिष्ट भोजन, उपवास और प्रार्थनाओं के साथ अपने मूड को फिर से जीवंत और ताजा करने का सबसे अच्छा समय है.
नवरात्रि के दौरान उपवास का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, हालांकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए, यह आवश्यक है कि आप किसी भी आहार को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें.
नवरात्रि के नौ दिन उत्सव के दौरान उपवास के फायदे:
रोजाना या तो खाने के जरिए या प्रदूषित वातावरण में रहते हुए हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थों (toxins) आते हैं. उपवास शरीर को डिटॉक्स करने और वर्षों से ऊतकों में जमा हुए विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने का एक शानदार मौका होता है.
नवरात्रि के दौरान ताजा और हल्का आहार प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट कर सकता है, शरीर में रासायनिक अवशेष, बलगम या किसी भी अवांछित पदार्थ को बाहर निकाल सकता है.
हमारा पाचन तंत्र (Digestive System) खाद्य पदार्थों को तोड़ने और पाचन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है. उपवास के दौरान हमारे पाचन तंत्र को आराम मिलता है.
2003 में एक अध्ययन में पाया गया कि उपवास तनाव को कम करने में मदद करता है.
उपवास करने से संज्ञानात्मक स्वास्थ्य बेहतर होता है, ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस में कमी आती है, अवसाद कम होता है, व्यक्ति के फोकस और याददाश्त में सुधार होता है.
कई अध्ययनों से संकेत मिलता है कि उपवास ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.
इसके अलावा, उपवास शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है, जो शरीर को हार्मोन के प्रति कम संवेदनशील बनाता है और रक्त से कोशिकाओं में ग्लूकोज के बेहतर ट्रांसफर को बढ़ावा देता है.
हालांकि इन्फ्लेमेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जो इम्यून सिस्टम को संक्रमण से लड़ने में मदद करती है, लेकिन शोध बताते हैं कि इन्फ्लेमेशन बढ़ने से कैंसर, दिल की बीमारियां और गठिया जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ता है.
अलग-अलग उपवास स्थितियों के साथ अलग-अलग अध्ययनों से पता चला है कि उपवास करने वाले लोगों में इन्फ्लेमेशन लेवल कम हो गया था.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अध्ययन के अनुसार, उपवास HGH हार्मोन (मानव विकास हार्मोन) के उत्पादन को बढ़ाता है, जो मांसपेशियों की वृद्धि, चयापचय, लंबाई में वृद्धि और वजन घटाने के लिए जिम्मेदार है.
उपवास के दौरान नियंत्रित ब्लड शुगर लेवल भी शरीर में HGH हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है.
यह दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में सहायक होता है, किटोसिस पैदा करता है, जो ब्लड शुगर लेवल में सुधार करता है और शरीर को बेहतर तरीके से तनाव का प्रबंधन करने में मदद करता है.
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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