स्किनकेयर ने पूरी दुनिया में धूम मचा रखी है और यह अच्छी वजहों से ही है. यह साबित करने के वैज्ञानिक सबूत हैं कि यह आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है.

इसकी गहराई में जाने से पहले याद रखें कि स्किनकेयर का कोई तरीका या किसी चीज का असर सबके लिए एक जैसा नहीं हो सकता, तो ऐसे में जो किसी और के लिए फायदेमंद है, जरूरी नहीं कि वह आपके लिए भी काम करेगा और यह बात दूसरी तरफ से भी लागू होती है. इसके अलावा किसी भी उपाय अपने रूटीन में शामिल करने से पहले स्किन एक्सपर्ट से सलाह ले लें. चलिए शुरू करते हैं स्किनकेयर का ABC.

स्किनकेयर और विटामिन A

मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम में डर्मेटोलॉजी की प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉ रश्मि मलिक बताती हैं, “विटामिन A रेटिनॉल, रेटिनोइक एसिड और रेटिनलडिहाइड के नाम से रहता है- इन नामों को ढूंढने के लिए प्रोडक्ट्स के लेबल को पढ़ें.”

“विटामिन A डेड स्किन कोशिकाओं की जगह नई कोशिकाओं के आने की दर (सेल टर्नओवर रेट) बढ़ाने में मदद करता है, जिससे मुंहासे को ठीक करने में मदद मिलती है. यह गुण ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स में केराटिन प्लग को अनप्लग कर किशोरों में मुंहासे से निपटने में किया जाता है. यही गुण है जो एंटी-एजिंग प्रभाव के लिए भी उपयोग किया जाता है क्योंकि हर साल बढ़ती उम्र के साथ नई कोशिकाओं की गति धीमी हो जाती है. जब एक बूढ़ा शख्स विटामिन A का इस्तेमाल करता है, तो यह सेल टर्नओवर रेट को फिर से बढ़ाने में मदद करता है, जिससे त्वचा ज्यादा जवान दिखाई देती है और अच्छे टेक्सचर के साथ टोन होती है.”
डॉ रश्मि मलिक, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजी, मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम

हालांकि बात जब रेटिनॉयड्स (विटामिन A से जुड़े केमिकल कंपाउंड) की आती है तो डॉ मलिक सावधानी बरतने की सलाह देती हैं. वे सूरज के लिए त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ा सकते हैं और स्किन को ज्यादा ड्राई भी कर सकते हैं. यही कारण है कि लोगों को एक अच्छे मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए, एक्सपर्ट की सलाह पर धीरे-धीरे शुरुआत करें और धीरे-धीरे फ्रीक्वेंसी और शक्ति बढ़ाएं.

“विटामिन A सिंथेसिस प्रक्रिया को विनियमित करने और स्किन की मोटाई को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. यह त्वचा पर बढ़ती उम्र का असर पड़ने से रोकने के लिए जरूरी है.”
डॉ मंजुल अग्रवाल, सीनियर कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग

स्किनकेयर और विटामिन B

जब आप विटामिन B वाले प्रोडक्ट की तलाश कर रहे हैं, तो इसके इंग्रेडिएंट्स वाली लिस्ट में ‘नियासिनमाइड (niacinamide)’ लिखा तलाशें. डॉ मलिक यह सलाह देती हैं और हाइपरपिग्मेंटेशन से लड़ने में इसकी भूमिका के बारे में बताती हैं.

“विटामिन B एक असरदार एंटी-इन्फ्लेमेटरी इंग्रेडिएंट है और इसलिए हाइपरपिग्मेंटेशन रोकने में मदद करता है. यह मुंहासे और रोज़ासिया (चेहरे पर लाल रंग के चकत्ते) में जलन को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.”
डॉ रश्मि मलिक

हाइपरपिग्मेंटेशन महिलाओं में एक आम चिंता का विषय है. डॉ अग्रवाल आपकी डाइट में विटामिन B के महत्व के बारे में बताती हैं.

“विटामिन B स्किन के अंदर होने वाली कई प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार होता है और इसकी कमी से मुंह में छाले, चेहरे की स्किन का रंग काला पड़ना और चेहरे पर फोल्ड्स (सलवटों) पड़ सकते हैं और पिलाग्रा जैसी बीमारियां हो सकती हैं.”
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स्किनकेयर और विटामिन C

डॉ मंजुल अग्रवाल बताती हैं, "ज्यादातर स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में कई नामों और फॉर्मूलेशन से विटामिन C मिला होता है. हमें प्रोडक्ट के लेबल पर एस्कॉर्बिक एसिड की तलाश करनी चाहिए, जो विटामिन C का एक्टिव फॉर्म है.

इसके तमाम इस्तेमाल और महत्व के बारे में वो बताती हैं,

“यह विटामिन कोलेजन सिंथेसिस के लिए जरूरी है और अल्ट्रावायलेट किरणों से होने वाले फोटो डैमेज और वातावरण के प्रदूषण से प्रोटेक्शन में मदद करता है. यह घाव भरने में बड़ी भूमिका निभाता है और मेलानिन सिंथेसिस को कम कर सूरज की वजह से त्वचा को काली होने से बचाता है.”

विटामिन C के फायदों पर डॉ मलिक भी सहमति जताते हुए कहती हैं,

“विटामिन C कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ावा देकर सूरज के बुरे प्रभावों का मुकाबला करने में मदद करता है. यह एक एंटीऑक्सिडेंट भी है, जो स्किन को फ्री रैडिकल से होने वाले नुकसान से बचाता है. इसमें स्किन में चमक लाने वाले गुण भी होते हैं.”

डॉ मलिक ने कहा कि जब इसे बाहरी तौर पर और स्किन की सतह पर इस्तेमाल किया जा रहा हो, तो इसे धूप और सीधी रोशनी से दूर अपारदर्शी बोतलों में रखा जाना चाहिए.

यह एक अस्थिर कंपाउंड है, जो जल्दी ऑक्सीकृत होता है और तेजी से रंग बदलता है और कई बार अपनी कुछ क्षमता गंवा देता है.

आपकी डाइट और तीन खास विटामिन

जबकि हम मुख्य रूप से इन विटामिनों के स्किन पर बुनियादी तौर पर इस्तेमाल की चर्चा कर चुके हैं, यहां इनको डाइट में लेने के महत्व पर भी एक नजर डालते हैं.

डॉ अग्रवाल बताती हैं, “विटामिन A फैट में घुलनशील होता है और इसका आंतों में अवशोषण सबसे अच्छा तब होता है, जब विटामिन A से भरपूर खाद्य पदार्थ फैट के साथ लिया जाता है.” बाकी दोनों विटामिन B और C पानी में घुलनशील हैं और इसलिए उनके अवशोषण के लिए किसी खास डाइट की जरूरत नहीं है.

वह इन तीनों विटामिनों के लिए कुछ डाइटरी सोर्स की लिस्ट पेश करती हैं:

विटामिन A के फूड सोर्स

  • गहरी हरी और पत्तेदार सब्जियां- चौलाई, पालक

  • नारंगी शकरकंद

  • गाजर

  • कद्दू

  • पीला मक्का

  • आम

  • पपीता

  • अंडा, दूध

  • रेड पॉम (ताड़) ऑयल या बिरुती पॉम ऑयल

विटामिन B के फूड सोर्स

  • दूध

  • चीज़

  • अंडा

  • चिकन और रेड मीट

  • मछली- टूना, मैकरेल, सामन

  • शेलफिश- कस्तूरा मछली और क्लैम्स

  • गहरी हरे रंग वाली सब्जियां- पालक और केल

  • चुकंदर और आलू

  • अनाज

  • बीन्स- राजमा, काले सेम और छोले

  • मेवे और बीज

  • फल- केला, तरबूज

  • सोया मिल्क

विटामिन C के फूड सोर्स

  • बेरीज़

  • टमाटर

  • आलू

  • हरे पत्ते वाली सब्जियां

ध्यान रखें

यह सब आपके रोजमर्रा के रूटीन में थोड़ा-थोड़ा कर शामिल करना काफी आसान है, लेकिन हमेशा पहले एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है. दूसरी बात, हमेशा किसी भी प्रोडक्ट का पहले पैच टेस्ट करें और अपने रूटीन में उत्पादों को धीरे-धीरे शामिल करें, कभी भी एकदम एक साथ नहीं. यह आपको ये जानने का मौका देगा कि आपकी स्किन कितनी अच्छी तरह इन्हें सहन कर रही है.

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Published: 06 Nov 2020,06:47 PM IST

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