हल्दी (Turmeric) ऐसा मसाला है जिससे भारतीयों की तमाम तरह की यादें जुड़ी हैं. कुछ के लिए यह जख्म या चोट लग जाने पर पीले लेप की याद हो सकती है. दूसरों के लिए यह मसालेदार दूध के जायके की याद दोबारा ताजा कर सकती है जो सर्दियों और मॉनसून के दौरान पीने को दिया जाता था. मेरे जैसे लोगों के मामले यह फौरन मुझे एक चचेरे भाई की शादी में पहुंचा देती है!

हल्दी भारतीय पाक कला का अटूट हिस्सा है, लेकिन यह हमारी परंपराओं का भी एक जरूरी हिस्सा है.

उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में हल्दी की रस्म में शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन के चेहरे और शरीर पर हल्दी का लेप लगाया जाता है.

दक्षिण भारत की शादियों में हल्दी का नेकलेस दूल्हा और दुल्हन के मिलन का प्रतीक है. पश्चिम भारत में हल्दी की जड़ नौजवान जोड़े की कलाई पर बांधी जाती है.

सिर्फ भारत ही नहीं पश्चिमी प्रशांत महासागर के देश माइक्रोनेशिया में भी धार्मिक अनुष्ठान में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है.

असल में दुनिया भर की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे कि सिद्ध, यूनानी, पारंपरिक चीनी मेडिसिन में हल्दी की बड़े पैमाने पर मान्यता है, और निश्चित रूप से आयुर्वेद में भी जहां इसे ‘हरिद्रा’ (haridra) के नाम से जाना जाता है.

हालांकि बीमारी में अपने तमाम फायदों के साथ हल्दी आपकी स्किन की समस्याओं को भी ठीक कर सकती है- टर्मरिक मास्क (turmeric masks) से! जी हां, आप हल्दी खा सकते हैं और इसे शरीर पर भी लगा सकते हैं, चाहे आपकी स्किन जिस किस्म की भी हो. यहां जानिए कि टर्मरिक मास्क किस तरह आपकी स्किन की सभी समस्याओं का अकेला हल हो सकता है.

टर्मरिक मास्क किस तरह आपकी स्किन की सभी समस्याओं को ठीक कर सकता है

यह मुंहासे कम करता है

टर्मरिक मास्क के लगातार इस्तेमाल से मुंहासों के निशान कम हो सकते हैं.

(फोटो: iStock)

25 साल की उम्र के बाद मुंहासों में बढ़ोत्तरी होती है और इसकी कई वजहें हो सकती हैं. हल्दी के खास स्किन फायदों में से एक है मुहांसे में कमी और आगे होने वाले मुंहासों की रोकथाम. हल्दी को सूजन रोकने के लिए जाना जाता है, जो इसे सूजन वाले मुंहासों जैसे कि पस्ट्यूल (pustules) और सिस्ट (cysts) के इलाज के लिए एकदम सटीक बनाती है.

इससे भी बढ़कर हल्दी एंटी-बैक्टीरियल है, और यह स्किन पर बैक्टीरिया पैदा होना रोक सकती है, जिससे इन्फेक्शन पर रोक लगती है. टर्मरिक मास्क के लगातार इस्तेमाल से मुंहासों के निशान कम हो सकते हैं.

यह हाइपरपिग्मेंटेशन को रोकता है

मेडिसिन में हल्दी की इतनी मांग होने की वजह इसका करक्यूमिन (curcumin) नाम का कंपाउंड है, जो कर्क्यूमिनॉयड्स (curcuminoids) में सबसे महत्वपूर्ण है.

यह एक्टिव इंग्रीडिएंट एक ताकतवर एंटीऑक्सिडेंट है, जिसका मतलब है कि यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान को रोक सकता है. यह हल्दी को हाइपरपिग्मेंटेशन (hyperpigmentation) से मुकाबले के लिए एक बेहतरीन हथियार बनाता है, जो तब होता है जब चेहरे पर बदरंग धब्बे बन जाते हैं.

शोध में पाया गया है कि हल्दी का इस्तेमाल पिग्मेंटेशन को काफी कम कर देता है और स्किन की रंगत को एक जैसा कर देता है.

हल्दी स्किन में चमक लाती है

भारत में हल्दी न केवल शादी समारोहों का एक हिस्सा है, बल्कि यह शादी से पहले दुल्हन की स्किनकेयर रूटीन का भी एक जरूरी हिस्सा है!

हल्दी सिर्फ स्किन की रंगत को एक समान ही नहीं करती, बल्कि यह स्किन के टेक्सचर में भी सुधार लाती है, खुरदुरे हिस्सों को चिकना करती है और स्किन को ज्यादा मुलायम बनाती है. नतीजतन स्किन पर रौशनी बेहतर तरीके से प्रतिबिंबित होती है और वह ‘सोने जैसी चमक’ लाती है जिसके बारे में हर कोई बात करता है.

इसके एंटी-एजिंग फायदे हैं

हल्दी स्किन के टेक्सचर में सुधार लाने में मदद कर सकती है, यह फाइन लाइंस में निखार लाती है, जिससे झुर्रियां कम दिखती हैं. हल्दी के एंटी-ऑक्सिडेंट गुण भी उम्र बढ़ने की रफ्तार धीमा करते हैं, क्योंकि यह स्किन सेल्स को फ्री रैडिकल्स के हमले से बचाता है.

हल्दी एक्सफोलिएशन (exfoliation) में भी मदद करती है, जो डेड स्किन सेल्स से छुटकारा दिलाती है, और नीचे से जवान व हेल्दी स्किन सेल्स को उजागर करती है. शोध से पता चलता है कि सिर्फ चार हफ्ते हल्दी के लगातार इस्तेमाल से बड़ी उम्र के शख्स की स्किन पर साफ फायदे दिखने लगते हैं.

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यह स्किन की बीमारियां ठीक करती है

ऐसे अध्ययन हैं जो स्किन कैंसर के खिलाफ हल्दी के फायदों की ओर इशारा करते हैं.

(फोटो: iStock)

हल्दी के एंटी-माइक्रोबायल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे स्किन की गंभीर बीमारियों जैसे एक्जिमा (eczema) के खिलाफ बाकियों से ज्यादा असरदार बनाते हैं.

यहां तक कि यह सोरायसिस (psoriasis) बीमारी में भी मदद करती है, जो ज्यादा स्किन सेल्स से होने वाली बीमारी है. हल्दी इन सेल्स के विकास को रोकती है, और खुरदरे, पपड़ीदार पैच को कम करती है, जो इस बीमारी की खास निशानी है.

हालांकि इस मामले में अभी ज्यादा शोध की जरूरत है, फिर भी ऐसे अध्ययन हैं जो स्किन कैंसर के खिलाफ हल्दी के फायदों की ओर इशारा करते हैं.

स्किन के लिए खुद तैयार किए जाने वाले टर्मरिक मास्क

तो अब हम जानते हैं कि टर्मरिक मास्क स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं, लेकिन हमें इस कीमती मसाले का पूरी तरह फायदा उठाने के लिए सही टर्मरिक मास्क का इस्तेमाल करने की जरूरत है. यहां हल्दी के साथ कुछ दूसरी चीजें मिलाने के बारे में बताया गया है जो आपकी स्किन की किस्म के हिसाब से सही फेस मास्क तैयार करने में आपकी मदद कर सकते हैं.

ऑयली स्किन के लिए

  • 1/2 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

  • 1 बड़ा चम्मच एलोवेरा जेल

  • 1-2 बूंद टी ट्री एसेंशियल ऑयल

मुंहासे वाली स्किन के लिए

  • 1-2 बड़े चम्मच हल्दी पाउडर

  • 1 बड़ा चम्मच बेसन

  • 2 बड़े चम्मच कच्चा दूध

  • 1 बड़ा चम्मच शुद्ध शहद

ड्राई स्किन के लिए

  • 1/2 बड़ा चम्मच हल्दी पाउडर

  • 1/2 बड़ा चम्मच शुद्ध शहद

  • 1/2 बड़ा चम्मच कच्चा दूध

  • 1/2 बड़ा चम्मच एलोवेरा जेल

डल स्किन के लिए

  • 1/2 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

  • 1/2 छोटा चम्मच एप्पल साइडर विनेगर

  • 1 बड़ा चम्मच शुद्ध शहद

  • 1/2 बड़ा चम्मच कच्चा दूध

एक कॉटन बॉल पर एप्पल साइडर विनेगर लगाएं और पहले पूरी स्किन पर फेर दें. मास्क पैक लगाने से पहले करीब 5 मिनट इंतजार करें.

सेंसिटिव स्किन के लिए

  • 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

  • 1/2 छोटा चम्मच एलोवेरा जेल

  • 1 छोटा चम्मच गुलाब जल

मैच्योर स्किन के लिए

  • 1/2 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

  • 1 छोटा चम्मच चंदन पाउडर

  • 1 छोटा चम्मच जोजोबा तेल

  • 1 छोटा चम्मच गुलाब जल

हर फेस मास्क के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल करें:

  • पहले सूखी सामग्री को मिलाएं, और फिर गीली सामग्री को मिलाकर पेस्ट में सही गाढ़ापन लाएं. पेस्ट पतला और आसानी से लगाया जा सकने वाला होना चाहिए.

  • आंखों को बचाते हुए लेप को पूरे चेहरे और गर्दन पर लगाएं. सूखने का इंतजार करें.

  • मास्क हटाने के लिए एक मुलायम, भीगे कपड़े का इस्तेमाल करें.

  • अगर मास्क का पीलापन रह जाता है, तो दाग वाले पैच को हटाने के लिए सूती कॉटन बॉल को दूध में भिगोकर इस्तेमाल करें.

  • गुनगुने पानी से धोएं. टोनर, सीरम, फेस ऑयल और मॉइस्चराइजर लगाएं.

  • हफ्ते में 2-3 बार दोहराएं.

हल्दी एक गाढ़ा रंग भी है, जिसका मतलब है कि यह आपके कपड़ों और इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तनों पर भी दाग छोड़ सकती है. पुराने कपड़े या एप्रन पहनकर मास्क को मिलाने के लिए स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करना बेहतर होगा.

चेहरे पर मास्क बहुत ज्यादा देर तक न छोड़ें, क्योंकि इससे आपके चेहरे पर पीलापन आ सकता है.

हल्दी आमतौर पर इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है, लेकिन कुछ लोगों को इससे कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस हो सकता है, जिससे जलन या स्किन पर लाल रंगत आ सकती है.

इससे बचने के लिए अपनी कोहनी के अंदरूनी हिस्से पर पैच टेस्ट करें और फेस मास्क लगाने से पहले 24 घंटे तक इंतजार करें. हमेशा शुद्ध, ऑर्गेनिक हल्दी का इस्तेमाल करें, जिसमें मिलावट न हो.

(प्रतिभा पाल ने अपना बचपन ऐसी शानदार जगहों पर बिताया है, जिनके बारे में सिर्फ फौजियों के बच्चों ने ही सुना होगा. वह तरह-तरह की किताबों को पढ़ते हुए बड़ी हुई हैं. जब अपने पाठकों के साथ शेयर करने के लिए किसी DIY रेसिपी तैयार करने का काम नहीं कर रही होती हैं, तब प्रतिभा सोशल मीडिया पर अपनी लेखन कला का जादू बिखेर रही होती हैं. आप उनके ब्लॉग www.pratsmusings.com पर पढ़ सकते हैं या उनसे @myepica पर ट्विटर पर संपर्क कर सकते हैं.)

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Published: 16 Aug 2021,11:37 AM IST

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