सिर में दर्द होना बहुत आम है और हर उम्र के लोग इसका शिकार होते हैं. इसकी वजह और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के हिसाब से सिर दर्द हल्का या गंभीर हो सकता है.

अगर आप लंबे समय से सिर दर्द से परेशान हैं, तो यह माइग्रेन हो सकता है. ऐसे में मेडिकल फिजीशियन को दिखाना और सही इलाज लेना बेहतर होगा.

क्या आप जानते हैं कि 10 से ज्यादा किस्म के सिर दर्द होते हैं?

इनमें तनाव से सिर दर्द, एलर्जी या साइनस, हार्मोनल बदलाव, डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी), थकान और हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) शामिल हैं.

इससे निजात पाने के लिए आप अपनी डाइट, सोने के पैटर्न को बदलना और योग को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल कर सकते हैं.

कैफीन और अल्कोहल जैसे प्रोडक्ट लेना छोड़ देने या कम करने से उस संभावना को कम कर सकते हैं, जिसे ट्रिगर सिर दर्द कहते हैं.

कुछ ऐसे ट्रिगर्स जो आपको सिर दर्द या माइग्रेन पैदा कर सकते हैं या बढ़ा सकते हैं:

  • एलर्जी और एलर्जिक रिएक्शन

  • तेज रोशनी, तेज शोर, झिलमिलाती रोशनी, धुआं भरा कमरा, तापमान में बदलाव, तेज गंध और कुछ गंध या परफ्यूम

  • शारीरिक या भावनात्मक तनाव, गुस्सा, टेंशन, एंग्जाइटी, डिप्रेशन

  • शारीरिक ट्रिगर जैसे थकान, जेट लैग, व्यायाम

  • नींद के पैटर्न में बदलाव या नियमित नींद न मिलना

  • स्मोकिंग करना या स्मोकिंग करने वालों के संपर्क में आना

  • खाना नहीं खाने या उपवास करने से लो ब्लड शुगर होना

  • डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण

  • अल्कोहल

  • हार्मोनल ट्रिगर जैसे माहवारी चक्र में उतार-चढ़ाव, गर्भनिरोधक गोलियां, मेनोपॉज

  • टायरामाइन वाले फूड्स (रेड वाइन, पुराना चीज़, स्मोक्ड फिश, चिकन लिवर, अंजीर और कुछ बींस), मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) या नाइट्रेट्स (जैसे बेकन, हॉट डॉग और सलामी)

  • कुछ फूड्स जैसे चॉकलेट, नट्स, पीनट बटर, एवोकाडो, केला, साइट्रस, प्याज, डेयरी प्रोडक्ट और फर्मेंटेड फूड्स या अचार

  • नींद की गोलियां, गर्भनिरोधक गोलियां, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी वगैरह.

योग मन की शांति और शांत स्थिति को बढ़ाता है.

आसन एक तरफ जहां शारीरिक रूप से आपके शरीर को ताकत, लचीलापन देते हैं और जीवन-शक्ति का संचार करते हैं, वहीं आपकी मेंटल हेल्थ में भी सुधार ला सकते हैं. आप सेहतमंद आदतों को अपनाकर अपनी जीवनशैली को नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे सिर दर्द से भी राहत मिल सकता है.

स्ट्रेस और एंग्जाइटी, जो सिर दर्द या माइग्रेन के बड़े कारक हैं, को कम करने के लिए आप यहां बताए जा रहे योगासन और प्राणायाम तकनीकों को अपना सकते हैं.

  • योगासन

सुखासन

(फोटो: iStock)

  • दोनों पैर दंडासन में सीधा आगे करके बैठ जाएं.

  • बाएं पैर को अंदर की तरफ मोड़ दाहिनी जांघ में अटका दें.

  • फिर दाएं पैर को अंदर की तरफ मोड़कर बाईं जांघ में अटका दें.

  • सीधी हथेलियों को घुटनों पर रखें और तनी हुई रीढ़ के साथ सीधे बैठ जाएं.

वज्रासन

(फोटो: iStock)

  • आहिस्ता से घुटनों के बल बैठ जाएं.

  • पेल्विस को एड़ी पर रखें और पैर की उंगलियां बाहर की ओर निकली हों.

  • अब, आपकी जांघें आपकी पिंडली (घुटने और पंजे के बीच का हिस्सा) की मांसपेशियों को दबानी चाहिए.

  • एड़ियों को एक-दूसरे के करीब रखें.

  • पंजे को दूसरे के ऊपर न रखें, बल्कि दाएं और बाएं एक-दूसरे के बगल में होने चाहिए.

  • अपनी हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए घुटनों पर रखें.

  • अपनी पीठ को कड़ा रखें और सामने देखें, और इस आसन में कुछ देर तक रहें.

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मलासन

(फोटो: iStock)

  • शुरुआत में बाहों को शरीर के बगल में रख सीधे खड़े हों.

  • घुटनों को मोड़ें, पेल्विस को नीचे करें और एड़ी के ऊपर रखें.

  • ध्यान रहे कि आपके पैर फर्श पर चपटे हों.

  • आप अपनी हथेलियों को या तो पैरों के पास फर्श पर रख सकते हैं या प्रार्थना की मुद्रा में छाती के सामने जोड़ सकते हैं.

  • रीढ़ सीधी तनी रहे.

  • प्राणायाम टेक्नीक

आसन बनाना

आगे बताई जा रही ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने के लिए आप सुखासन (Sukhasan), अर्धपद्मासन (Ardhapadmasan) या पद्मासन (Padmasana) में बैठ सकते हैं.

आरामदायक पोजीशन चुनें और पीठ को सीधा रखें. अपनी आंखें बंद करें और हथेलियों को घुटनों पर ऊपर की ओर (प्राप्ति मुद्रा में) रखें.

अपने आसन को इसी हालत में बनाए रखें और सांस पर ध्यान दें.

समय-अवधि

आप सांस लेने की इन तकनीकों का अभ्यास दिन में पांच मिनट करके शुरुआत कर सकते हैं और समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं.

शांत भस्त्रिका प्राणायाम

सांस अंदर खींचें और फेफड़ों में हवा में भरें, और फिर पूरी सांस छोड़ दें. सांस लेना और छोड़ना 1:1 के अनुपात में होना चाहिए.

जैसे कि अगर आप 6 बार सांस खींचते हैं तो आपको निश्चित रूप से 6 बार सांस छोड़नी भी होगी.

भ्रामरी प्राणायाम

अपने अंगूठे को कान के बाहरी फ्लैप ‘ट्रैगस’ (Tragus) पर रखें, तर्जनी को माथे पर रखें; बीच की उंगली को आंख के पास वाले हिस्से (Medial Canthus) पर और अनामिका को नाक के छेद के बगल वाले हिस्से (nostril) पर रखें. सांस अंदर खींचें और फेफड़ों को हवा से भरें, और जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, धीरे-धीरे मधुमक्खी की तरह भनभनाहट की आवाज करें, “ऊंऊंऊंऊंऊंऊंऊंऊंऊंऊं….” इस दौरान पूरे समय मुंह बंद रखें.

उदगीथ प्राणायाम

गहरी सांस खींचें और फेफड़ों को हवा से भरें. सांस छोड़ते समय होठों का गोला बनाएं और जितनी देर हो सके “ओम” का जाप करें.

अगर आप योग की शुरुआत कर रहे हैं तो यह सलाह दी जाती है कि धीरे-धीरे शुरुआत करें. नियमित और समर्पण से किए जाने वाले अभ्यास से आप जल्द अपने आप में सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे.

योग स्ट्रेस, एंग्जाइटी, डिप्रेशन वगैरह को दूर करने के लिए मन और शरीर को असरदार ढंग से बदल देता है. योग आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और फायदे के लिए बदलाव लाने का ताकतवर जरिया है.

21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग गुरु ग्रैंड मास्टर अक्षर ने योग की मदद से लोगों को अपने घरों के अंदर ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करने के लिए 21 दिवसीय अभियान चलाया.

अभियान का नाम है ‘चलो अभ्यास बढ़ायें’

21 दिवसीय अभियान 1 जून को शुरू किया गया था और दुनिया के तमाम हिस्सों से होलिस्टिक वेलनेस चाहने वाले लाखों लोग इसमें भागीदारी कर चुके हैं.

(अंतरराष्ट्रीय स्तर के जाने-माने योग गुरु ग्रैंड मास्टर अक्षर, दानदाता, आध्यात्मिक गुरु, लाइफस्टाइल कोच और लेखक हैं. उन्होंने भारत की मशहूर खेल हस्तियों को ट्रेनिंग दी है जिनमें क्रिकेटर सुनील गावस्कर व मैथ्यू हेडन, कुश्ती की चैंपियन बहनें गीता और बबीता फोगाट शामिल हैं.)

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Published: 21 Jun 2021,01:32 PM IST

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