वायु प्रदूषण, सिगरेट के धुएं और अन्य विषाक्त पदार्थों को सांस के जरिये लेने से लंग्स को काफी नुकसान होता है यहां तक कि स्वास्थ्य की अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल दुनिया भर में वायु प्रदूषण की वजह से 4.2 मिलियन मौतें होती हैं.
शरीर के बाकी हिस्सों को स्वस्थ रखने के लिए लंग्स को स्वस्थ रखना जरूरी है. तो इसलिए इन एक्सरसाइज और टिप्स को अपनाकर आप अपने लंग्स की क्षमता बढ़ा सकते हैं.
COPD फाउंडेशन के मुताबिक डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग, पर्स्ड-लिप्स ब्रीदिंग लंग्स की क्षमता बढ़ाते हैं.
सांस लेने की प्रक्रिया में डायफ्राम को भारी काम करना होता है. डायफ्राम सबसे प्रमुख सांस लेने वाली मांसपेशी है लेकिन बहुत से लोग अनजाने में गर्दन, कंधे और पीठ के मांसपेशियों का इस्तेमाल करने की आदत विकसित कर लेते हैं, जो लंग्स में अंदर जाने वाली और छोड़ने वाली हवा की मात्रा को बहुत सीमित करता है.
ऐसे में डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग या 'बेली ब्रीदिंग', डायफ्राम को मजबूत करता है और लंग्स के काम को आसानी से करने में मदद करता है.
पर्स्ड-लिप्स ब्रीदिंग आपके सांस लेने की प्रक्रिया को धीमा करता है, आपके सांस लेने वाले रास्ते को लंबे समय तक खुला रखकर, सांस लेना आसान बनाता है. इससे लंग्स को काम करने में आसानी होती है और ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के आदान-प्रदान में सुधार होता है.
शुरुआत करने वालों के लिए ये ब्रीदिंग एक्सरसाइज डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग की तुलना में अक्सर आसान होता है, और आप इसे घर पर भी कर सकते हैं. इसे कभी भी किया जा सकता है.
ऐसे करें पर्स्ड-लिप्स ब्रीदिंग-
रिब स्ट्रेच में रिब्स यानी पसलियों को खींचना और फैलाना होता है, जो आपके लंग्स को जितनी ज्यादा हो सके हवा अंदर ले जाने में मदद करता है.
स्टीम थेरेपी हवा के रास्तों को खोलने और बलगम निकालने में मदद करता है. ये थेरेपी एक प्रभावी अस्थायी समाधान हो सकता है.
खांसी शरीर के लिए स्वाभाविक रूप से बलगम में फंसे विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का तरीका है. इसे एक एक्सरसाइज के तौर पर प्रैक्टिस करें.
सांस लेने के रास्तों में सूजन सीने में भारीपन और जकड़न महसूस कराती है. ग्रीन टी में कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो लंग्स में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. ये कंपाउंड लंग्स टिश्यू को धुएं के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं.
इस सूजन को कुछ फूड आइटम भी कम कर सकते हैं. जैसे-
रोकथाम सबसे अच्छी दवा है. अपने लंग्स को स्वस्थ रखने के लिए इन टिप्स को आप जानते होंगे लेकिन वक्त है इसे अपनाने का.
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लंग्स एक्सरसाइज आपके लंग्स के स्वास्थ्य में सुधार करने का काम करते हैं लेकिन अगर आपको लंग्स की पुरानी बीमारी है, तो एक्सरसाइज प्रैक्टिस शुरू करने से पहले अपने डाॉक्टर से सलाह लेना हमेशा एक अच्छा विचार होता है. इसके अलावा, एक्सरसाइज कभी भी रातोंरात परिणाम नहीं देते, इसलिए एक बार में नहीं बल्कि समय के साथ पॉजिटिव रिजल्ट देखने की उम्मीद करें. अंत में, आपके शरीर को सुनना अहम है, खासकर तब जब आप किसी बीमारी से जूझ रहें हों.
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Published: 05 Mar 2021,03:03 PM IST