(21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर ये आर्टिकल फिर से पब्लिश किया जा रहा है.)

इम्यून सिस्टम हमारे शरीर की अपनी सेना है. मानव शरीर की रक्षा के लिए इसका खुद का एक डिफेंस सिस्टम है. इम्यून सिस्टम के बिना, हमें पर्यावरण, बीमारियों और हानिकारक कोशिकाओं के हानिकारक तत्वों से सुरक्षा नहीं मिल सकती.

इम्यूनिटी (शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली) दो तरह की होती है, एक्टिव (सक्रिय) और पैसिव (निष्क्रिय) इम्यूनिटी. जब हमारा अपना इम्यूनिटी सिस्टम हमें किसी पैथोजन से बचाता है, तो इसे एक्टिव इम्यूनिटी कहा जाता है. जब हम किसी और से पैथोजन के खिलाफ सुरक्षा हासिल करते हैं, तो इसे पैसिव इम्यूनिटी कहते हैं.

इम्यून सिस्टम में व्हाइट ब्लड सेल्स (सफेद रक्त कोशिकाएं), एंटीबॉडी, लिम्पैथिक (लसीका) सिस्टम, स्पलीन (प्लीहा), थाइमस ग्रंथि और बोन मैरो (अस्थि मज्जा) शामिल हैं.

मन और शरीर दोनों को मजबूत रखने से इम्यूनिटी को बेहतर बनाए रखा जा सकता है, हमें अपने खान-पान का ध्यान रखने और हेल्दी फूड्स का सेवन करना चाहिए.

इसके साथ ही अपना इम्यून सिस्टम बेहतर बनाने के लिए कुछ योगासन भी कर सकते हैं.

पश्चिमोत्तनासन

पश्चिमोत्तनासन(फोटो: योग गुरु अक्षर)

आसन का तरीका:

  • दंडासन से शुरुआत करें

  • सुनिश्चित करें कि आपके घुटने थोड़े मुड़े हुए हों जबकि आपके पैर बाहर की ओर खिंचे हुए हों

  • अपने हाथों को ऊपर की ओर बढ़ाएं और रीढ़ को तना हुआ रखें

  • सांस छोड़ें

  • सांस छोड़ने के साथ, कूल्हे पर आगे की ओर झुकें और अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को निचले शरीर पर रखें

  • अपने हाथों को नीचे लाएं और अंगुलियों से अपने पांव के अंगूठे को पकड़ें

  • अपनी नाक से अपने घुटनों को छूने की कोशिश करें

सांस का तरीका: आगे झुकते समय सांस छोड़ें

धनुरासन

धनुरासन(फोटो: योग गुरु अक्षर)

आसन का तरीका:

  • पेट के बल लेट जाएं

  • अपने घुटनों को मोड़ें और हथेलियों से अपनी एड़ियों को पकड़ें

  • मजबूत पकड़ बनाएं

  • अपने पैरों और हाथों को जितना हो सके ऊपर उठाएं

  • खुद को स्थिर करें और कुछ देर तक ऐसे ही रहें

सांस का तरीका: शरीर को ऊपर उठाते समय सांस अंदर लें

चक्रासन

चक्रासन(फोटो: योग गुरु अक्षर)

आसन का तरीका:

  • अपने पैरों को अपने घुटनों पर पीछे की ओर मोड़ें और सुनिश्चित करें कि आपके पैर फर्श पर मजबूती से जमे हों

  • अपनी हथेलियों को अपने कानों के बगल में रखें, अंगुलियां आगे की ओर हों

  • सांस अंदर की तरफ लें, अपनी हथेलियों और पैरों पर दबाव डालें और अपने पूरे शरीर को आर्च (मेहराब) बनाने के लिए ऊपर उठाएं

  • अपने सिर को धीरे-धीरे पीछे करें और गर्दन को रिलैक्स रखें

  • अपने शरीर के वजन को अपने चार अंगों के बीच समान रूप से बांट कर रखें

सांस का तरीका: शरीर को ऊपर उठाते समय सांस अंदर लें

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कपालभाति

कपालभाति(फोटो: योग गुरु अक्षर)
संस्कृत में, ‘ कपाल’ का अर्थ है खोपड़ी और ‘ भाति' का अर्थ है ‘ चमकने वाला/ रौशनी बिखेरना वाला.’ इसलिए, इस कपालभाती प्राणायाम को दिमाग चमकाने वाली सांस की तकनीक के रूप में भी जाना जाता है.

तरीका:

  • किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठें (जैसे सुखासन, अर्धपद्मासन या पद्मासन)

  • अपनी पीठ को सीधा करें और आंखें बंद करें

  • अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें (प्रपथी मुद्रा में)

  • सामान्य रूप से सांस लें और छोटी, लयबद्ध और ताकत के साथ सांस छोड़ें

  • आप अपने पेट का इस्तेमाल डायाफ्राम और फेफड़ों को सिकोड़ कर सारी हवा को ताकत के साथ बाहर निकालने के लिए कर सकते हैं

  • जब आप अपनी आंत का हवा निकालने के लिए इस्तेमाल करते हैं, तो सांस लेना स्वाभाविक रूप से होना चाहिए

मेडिटेशन

सुपर पावर मेडिटेशन(फोटो: योग गुरु अक्षर)

सुपर पावर मेडिटेशन भी बहुत ज्यादा सिफारिश की जाने वाला योग है क्योंकि यह उस दर को प्रभावित करता है जिस पर आपका शरीर खुद को ठीक कर सकता है. मेडिटेशन (ध्यान) तकनीक आपके मूड में सुधार कर सकती है, आपके मन को शांत कर सकती है, और आपको रिलैक्स करने में मदद कर सकती है.

तरीका:

  • सुखासन में पहाड़ की चोटी पर बैठी दशा में या किसी अन्य आरामदायक मुद्रा में बैठें, जो आपको पिरामिड का आकार देती है.

  • मकसद एक पहाड़ के ऊपर त्रिकोण के आकार में बैठना है.

  • अपनी छाती में एक उलटे त्रिकोण आकार की शील्ड की कल्पना करें और फिर इस कल्पना पर ध्यान केंद्रित करें.

  • मेडिटेशन प्रक्रिया के दौरान, हर सांस लेने के साथ, यह शील्ड आपको दुनिया की सभी सकारात्मक ऊर्जाओं को अपने अंदर लेने की मौका देती है. और, जब आप सांस छोड़ते हैं आप अपने भीतर से अवांछित विषाक्त पदार्थों, दुखों और नकारात्मकता को बाहर निकालते हैं.

योग आसन, प्राणायाम और मेडिटेशन इम्यून सिस्टम को प्राकृतिक रूप से बढ़िया बनाए रखने के शानदार तरीके हैं.

इसलिए रोजाना खुद के लिए आसन, प्राणायाम या मेडिटेशन करने के लिए थोड़ा समय निकालें. यह फेफड़ों और श्वसन मार्ग को अच्छा करेगा, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालेगा और आपके अंगों का संचालन अच्छा करेगा.

(ग्रैंड मास्टर अक्षर अंतरराष्ट्रीय स्तर के जाने-माने योग मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, आध्यात्मिक गुरु, लाइफस्टाइल कोच, लेखक हैं.)

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Published: 21 Jun 2020,05:28 PM IST

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