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नींद की जरूरत हर एक को है. लेकिन हकीकत में हममें से ज्यादातर पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं. बदकिस्मती से, ऐसा कोई बटन नहीं है जिसे दबाने से आपको फौरन नींद आ जाए और फिर उठने पर आप तरोताजा महसूस करें.
इसलिए हमें दिन में ही, रात की अच्छी नींद के लिए बिस्तर पर जाने से पहले खुद को सही तरीके से तैयार करना चाहिए. बेहतर नींद के लिए, सदियों से आजमाए और बेहद असरदार इन टिप्स और ट्रिक्स को आजमाएं, जिनसे जल्दी और आराम से नींद आती है.
अगली सुबह आलस महसूस किए बिना जागने के लिए और नींद की क्वालिटी में सुधार के वास्ते स्लीपिंग पिल्स की बजाए जड़ी-बूटियों का सहारा लें. लैवेंडर और कैमोमाइल से शुरुआत करें. ये नींद लाने वाले होते हैं. इसके अलावा, इनका एक और फायदा है. बागवानी दिमाग की नसों को शांत करने में मददगार साबित होती है, इसलिए इन्हें घर पर उगाने से डबल फायदा होगा!
आपको सचमुच अपने पेट को रात में खुश रखने की जरूरत है और इसकी शुरुआत एकदम सुबह से हो जाती है. इसलिए आपका नाश्ता दिन का सबसे भारी खाना होना चाहिए और रात का खाना एकदम हल्का होना चाहिए.
खाना पचाने में एनर्जी लगती है. अगर आप दिन में देर से भारी खाना खाते हैं, तो जब सोने जाएंगे तो आपके शरीर को सोने के लिए काफी मेहनत करनी होगी. इसलिए कोशिश करें कि भूखे पेट न सोएं, लेकिन सोने से पहले भारी खाना खाने से भी बचें.
आप ट्रिप्टोफैन के बारे में जानते हैं- नींद लाने वाला एमीनो एसिड, ठीक है न! ये टर्की में भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ट्रिप्टोफैन को फील-गुड ब्रेन केमिकल सेरोटोनिन को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जो बाद में नींद के समय के हार्मोन मेलाटोनिन में बदल जाता है.
केला दो तरह से काम करता है. सबसे पहले तो, ये कार्बोहाइड्रेट का एक रूप है, इसलिए ये नींद लाता है. साथ ही, इनमें प्राकृतिक रूप से मांसपेशियों को आराम देने वाले मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है.
मेलाटोनिन ऐसा हार्मोन है जो आपको सुकून देता है और आपको नींद लाता है. प्राकृतिक रूप से मेलाटोनिन से भरपूर चीजें हैं:
सेरोटोनिन प्रोड्यूस करने वाले स्नैक लें. हमारे शरीर को सेरोटोनिन बनाने के लिए ट्रिप्टोफैन की जरूरत होती है, जो कि न्यूरोट्रांसमिटर को शांत करता है और नींद लाता है. लेकिन सही तकनीक यह है कि उन फूड्स को अपनाएं जिनमें थोड़े ट्रिप्टोफैन के साथ ढेर सारा कार्बोहाइड्रेट भी हो. यह कैसे काम करता है?
अनिद्रा को ठीक करने के लिए ट्रिप्टोफैन को काम करने के लिए दिमाग तक पहुंचना होता है. सभी एमीनो एसिड दिमाग में चलने के लिए जोर लगाते हैं. इस दौरान जब हम कार्बोहाइड्रेट्स मिलाते हैं, तो वे इंसुलिन रिलीज करते हैं, जो मुकाबला करते एमिनो एसिड को लेता है और उन्हें मांसपेशियों में डाल देता है... लेकिन ट्रिप्टोफैन को अलग छोड़ देता है. तब यह दिमाग की तरफ अपना रास्ता बना सकता है और सेरोटोनिन में परिवर्तित होकर नींद लाता है. आप नीचे बताई चीजों में से कोई भी चुन सकते हैं:
स्टिमुलेंट्स शरीर में 14 घंटे तक रह सकते हैं और रात में नींद टूटने की गिनती बढ़ा सकते हैं, जिससे आपकी नींद की कुल अवधि कम हो जाती है.
दोपहर 2:00 बजे के बाद कैफीन न लें. भले ही कॉफी कैफीन का सबसे प्रत्यक्ष स्रोत हो, यह मत भूलें कि कोला, चॉकलेट, चाय और कुछ दवाओं में भी कैफीन होती है.
शराब एक डिप्रेसेंट है और आपको नींद लाने में मदद कर सकती है, लेकिन इसके बाद का मेटाबॉलिज्म जो आपके आपके सोने के दौरान शरीर से इसे साफ करता है, एक विड्राल सिंड्रोम बनाता है. इस विड्राल से नींद टूटती है और इसकी वजह से अक्सर बुरे सपने आते हैं और पसीना आता है. अगर आपको अनिद्रा की शिकायत है, तो इसे ठीक करने के लिए कुछ हफ्तों के लिए शराब छोड़ दें.
(दिल्ली की कविता देवगन एक न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. इन्होंने दो बुक्स ‘Don't Diet! 50 Habits of Thin People (Jaico)’ और ‘Ultimate Grandmother Hacks: 50 Kickass Traditional Habits for a Fitter You (Rupa) लिखी हैं.)
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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Published: 31 Jan 2020,10:00 AM IST