गुजरात सरकार ने राज्य में कोविड-19 के मरीजों, खासकर नाजुक हालत वाले संक्रमित लोगों के इलाज के लिए प्लाज्मा चढ़ाकर इलाज करने का फैसला किया है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाने के मकसद से ये फैसला किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालयके आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में संक्रमितों की संख्या 1099 हो गई है. इनमें 86 ठीक हो चुके हैं और अबतक 41 लोगों की मौत हो चुकी है.

क्या है प्लाज्मा ट्रीटमेंट?

इलाज के इस तरीके के तहत, कोविड-19 से पूरी तरह ठीक हुए मरीज के शरीर से प्लाज्मा लेकर गंभीर स्थिति वाले मरीज में चढ़ाया जाएगा ताकि उसका शरीर वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बना सके.

हमारा खून रेड ब्लड सेल, वाइट ब्लड सेल, प्लेट्लेट्स और प्लाज्मा से बना होता है. इसमें प्लाज्मा खून का तरल हिस्सा है. इसकी मदद से ही जरूरत पड़ने पर एंटीबॉडी बनती है. एंटीबॉडी एक तरह का प्रोटीन होता है जिसका निर्माण प्लाज्मा सेल्स करती हैं और इम्यूनिटी सिस्टम इसका इस्तेमाल कर बैक्टीरिया और वायरस का खात्मा करते हैं.

दरअसल, किसी भी वायरस के अटैक के बाद शरीर खुद उससे लड़ने लगता है और उस वायरस को खत्म करने के लिए एंटीबॉडी बनाता है. जैसे ही एंटीबॉडी वायरस के खत्म करने में सफल होता है, मरीज पूरी तरह ठीक हो जाता है.

ICMR से लेनी होगी इजाजत

प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) जयंती रवि ने बताया कि अहमदाबाद के निगम अस्पताल और निकाय संचालित एसवीपी अस्पताल ने कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा चढ़ाने के बारे में प्रपोजल तैयार किया है और इसे स्वीकृति के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) को सौंप दिया है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता चला है कि आईसीएमआर ने प्लाज्मा चढ़ाकर इस तरह के इलाज के लिए केरल सरकार को परमिशन दी है. गुजरात से, अहमदाबाद निकाय अस्पताल और एसवीपी अस्पताल ने कोरोना वायरस मरीजों के लिए इस इलाज को शुरू करने के संबंध में आईसीएमआर की परमिशन मांगी है.”

रवि ने कहा, “दोनों अस्पताल इसे शुरू करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने स्वीकृति के लिए पहले ही अपने प्रपोजल भेज दिए हैं.”

अहमदाबाद नगरपालिका प्लाज्मा डोनेट करने वाले कुछ लोगों की पहले ही सहमति ले चुका है.

कई राज्यों ने मांगी इजाजत

बता दें, गुजरात के अलावा देश के कई राज्यों ने प्लाज्मा ट्रीटमेंट को आजमाने के लिए केंद्र सरकार से इजाजत मांगी है. कुछ को इजाजत मिल भी गई है. फिलहाल ट्रायल के तौर पर इसका इस्तेमाल करने वाले राज्यों में दिल्ली, केरल, पंजाब, महाराष्ट्र और तमिलनाडु शामिल हैं.

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Published: 18 Apr 2020,12:35 PM IST

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