भारत में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE- पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) की कमी का संकट बरकरार है.

इस बीच ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकस साइंस (AIIMS) की ओर से एक सर्कुलर जारी कर कहा गया कि हर स्वास्थ्यकर्मी को पांच N95 मास्क दिए जाएंगे, इस मास्क को डिसइन्फेक्ट कर कम से कम चार बार इस्तेमाल किया जा सकता है, इस तरह पांच मास्क 20 दिनों के लिए काफी हैं.

इसमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, टेक्निकल स्टाफ, सुरक्षा गार्ड और मेंटेनेंस स्टाफ शामिल है.

N95 मास्क को डिसइन्फेक्ट कर कम से कम चार बार यूज किया जा सकता है. इस तरह से पांच N95 मास्क 20 दिनों के लिए पर्याप्त हैं.
एम्स का सर्कुलर

फिट ने इस सिलसिले में एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) के जनरल सेक्रेटरी डॉ श्रीनिवास से बात की. उन्होंने CDC की गाइडलाइन का जिक्र किया, जिसमें पिछले रेस्पिरेटरी पैथोजन के प्रकोप और महामारी के दौरान एक विकल्प के तौर पर N95 मास्क के दुबारा इस्तेमाल के बारे में बताया गया है.

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ये कमी के दौरान आपूर्ति के प्रबंधन की गाइडलाइन है और इसके मुताबिक निश्चित रूप से स्वास्थ्य कर्मियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि मास्क का उपयोग कुशलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से किया जाए.

अस्पताल में PPE की कमी के बारे में प्रशासन को एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) ने 16 मार्च को ही लिखा था और तब से यह मुद्दा उठ रहा है.

PPE का स्टॉक को बढ़ाने के लिए कुछ और समय मिलने और हेल्थकेयर वर्कर्स की सुरक्षा का ये एक तरीका है.

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