इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की स्टडी में पाया गया है कि BCG वैक्सीनेशन बड़े-बूढ़ों में कोरोना वायरस के खिलाफ फायदेमंद हो सकता है.
स्टडी के मुताबिक इससे इननेट इम्युनिटी (फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस) और अडैप्टिव इम्युनिटी (एंटीजन से एक्सपोजर के बाद की इम्युनिटी) को बढ़ावा मिलता है.
हालांकि अभी इस स्टडी का पीयर रिव्यू बाकी है, इसलिए इसका इस्तेमाल क्लीनिकल प्रैक्टिस को गाइड करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए
हेल्थ साइंसेज के लिए प्रीप्रिंट सर्वर medRxiv पर स्टडी के नतीजे में लिखा है कि BCG वैक्सीनेशन बढ़ी हुई इननेट और अडैप्टिव मेमोरी सेल सबसेट के साथ-साथ टोटल एंटीबॉडी लेवल से जुड़ा था, जो कि इसके SARS-CoV-2 संक्रमण में संभावित उपयोगिता का संकेत हो सकता है. इससे Heterologous इम्युनिटी बढ़ सकती है. Heterologous इम्युनिटी का मतलब है कि किसी एक पैथोजन के खिलाफ इम्युनिटी की हिस्ट्री दूसरी किसी पैथोजन के खिलाफ एक लेवल तक इम्युनिटी दे सके.
BCG टीबी के खिलाफ वैक्सीनेशन में इस्तेमाल किया जाता है, जो देश कई वर्षों से टीबी से पीड़ित रहे हैं, वहां बच्चों के जन्म के समय बीसीजी का टीका लगाया जाता है. भारत ऐसा ही एक उदाहरण है. भारत 1948 से अपनी आबादी को बीसीजी का टीका लगा रहा है.
वायरोलॉजिस्ट डॉ जैकब टी जॉन ने इससे पहले फिट से बातचीत में बताया था कि बीसीजी को COVID-19 में मदद करने की संभावना का मूल आधार यह है कि बीसीजी किसी भी तरह के सांस से जुड़े इन्फेक्शन के खिलाफ इम्युन सिस्टम को मोडिफाई करता है.
बीसीजी के कई तरह के इम्युन से जुड़े फायदे को ध्यान में रखते हुए, दुनिया भर के एक्सपर्ट्स BCG और COVID-19 के बीच एक कड़ी खोजने की कोशिश कर रहे हैं.
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Published: 28 Oct 2020,04:28 PM IST