भारत बायोटेक की COVID-19 के खिलाफ वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) कोरोनावायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी पाई गई है.

ANI के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की स्टडी में पाया गया है कि Covaxin लगवाने वाले लोगों को SARS-CoV-2 के डेल्टा, डेल्टा प्लस और B.1.617.3 वेरिएंट से भी सुरक्षा मिलेगी.

इस स्टडी के लिए तीन ग्रुप से सैंपल कलेक्ट किए गए.

  • ग्रुप 1: कोवैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों (24 महिलाएं और 18 आदमियों) का सैंपल दूसरी डोज लगवाने के 2.5 से 22 हफ्ते बाद लिया गया

  • ग्रुप 2: कोविड से रिकवर हुए उन लोगों (8 महिलाएं और 6 आदमियों) के सैंपल जो कोवैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके थे, इनका दूसरी डोज लगवाने के 14-70 हफ्तों बाद सैंपल लिया गया

  • ग्रुप 3: कौवैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी कोरोना संक्रमित होने वालों (17 महिलाएं और 13 आदमियों) के सैंपल 2-18 हफ्तों के बीच लिए गए.

स्टडी के मुताबिक हर ग्रुप के सैंपल से कोरोना का डेल्टा, डेल्टा प्लस B.1.617.3 वेरिएंट प्रभावी तरीके से बेअसर हुआ.

कोरोना से रिकवरी के बाद वैक्सीनेशन और ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन के मामलों वाले ग्रुप के सैंपल से न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी अधिक पाई गई. इससे मेमोरी कोशिकाओं के संभावित रोल का पता चलता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पिछले महीने, भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के फाइनल एनालिसिस का डेटा जारी कर बताया था कि इससे सिम्प्टोमैटिक COVID-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत एफिकेसी दिखाई और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा देने में 65.2 प्रतिशत प्रभावी रही.

भारत बायोटेक ने जुलाई में कहा था कि Covaxin को इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) में शामिल करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को सभी डॉक्यूमेंट दे दिए गए हैं.

(इनपुट- ANI)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT