राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत के मामले सामने आने के बाद झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. केंद्र की ओर से राज्यों को निर्देश दिया गया है कि जहां भी पक्षियों की मौत हो रही है, वहां से सैंपल कलेक्ट किया जाए.
राजस्थान की राजधानी जयपुर से 341 किलोमीटर दूर झालावाड़ स्थित एक स्थानीय मंदिर में 27 दिसंबर, 2020 को लगभग 100 कौवे मृत पाए गए थे. 31 दिसंबर को कौवों के सैंपल में एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि के बाद हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान में अब तक 500 से ज्यादा पक्षियों की मौत हो चुकी है. वहीं मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बीते 10 दिनों में बड़ी संख्या में कौवों की मौत हुई है.
केरल में करीब 1500 बत्तखों की मौत होने की खबर है. हिमाचल प्रदेश के पोंग डैम सेंक्चुरी में भी 1700 से ज्यादा प्रवासी पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से होने की पुष्टि हुई है.
एवियन इन्फ्लूएंजा एक वायरल बीमारी है जो संक्रामक होती है. एवियन फ्लू को अक्सर बर्ड फ्लू कहा जाता है. इसके कारण पक्षियों में गंभीर रेस्पिरेटरी बीमारी हो जाती है.
दुनिया भर में जंगली पक्षियों के आंतों में ये फ्लू वायरस होते हैं, लेकिन आमतौर पर ये पक्षी उनसे बीमार नहीं होते हैं. हालांकि, बर्ड फ्लू पक्षियों के बीच बहुत संक्रामक है और मुर्गियों और बत्तखों सहित कुछ पालतू पक्षियों को बहुत बीमार बना सकता है, जिससे उनकी जान भी जा सकती है.
बर्ड फ्लू के वायरस आमतौर पर इंसानों को संक्रमित नहीं करते हैं, लेकिन बर्ड फ्लू के वायरस से मानव संक्रमण के कई मामले 1997 से सामने आए हैं. सबसे पहले इंसानों में H5N1 की पुष्टि 1997 में हुई थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) के मुताबिक बर्ड फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसमिट हो सकता है, ऐसा संभव, लेकिन दुर्लभ है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2003 से 2019 तक, WHO ने दुनिया भर में H5N1 के कुल 861 मानव मामलों की पुष्टि की, जिनमें से 455 मौतें हुईं.
ऑल इंडिया मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में सेंटर फॉर कम्यूनिटी मेडिसिन में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हर्षल आर साल्वे कहते हैं,
मनुष्यों में H5N1 संक्रमण के मामले संक्रमित जीवित या मृत पक्षियों के निकट संपर्क के कारण पाए गए हैं.
इंसानों में इन्फ्लूएंजा A (H5N1) और A (H7N9) वायरस संक्रमण के ज्यादातर मामले संक्रमित जिंदा या मृत पोल्ट्री के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क से जुड़ा पाया गया है.
वहीं इंसानों में कुछ इन्फ्लूएंजा A (H5N1) के मामलों का लिंक कच्चे, दूषित पोल्ट्री से तैयार व्यंजनों से माना जाता है, हालांकि इन्फेक्टेड पोल्ट्री उत्पाद खाने से मानव में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के संचरित होने का कोई सीधा प्रमाण नहीं है. लेकिन मांस को अच्छी तरह से पका कर ही खाने की सलाह दी जाती है.
असल में नहीं. हीट से एवियन वायरस नष्ट हो जाते हैं. इसलिए, पोल्ट्री प्रोडक्ट्स (अंडा, मुर्गी, मुर्गा) को अच्छी तरह से पका कर खाने में कोई खतरा नहीं है. हालांकि, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मांस को ठीक से हैंडल किया जाए और इसे पकाते समय सफाई का पूरा ख्याल रखा जाए.
सबसे जरूरी ये है कि अंडा और मांस को अच्छे से पकाया जाए.
MayoClinic के मुताबिक ये सावधानी बरतनी चाहिए:
कटिंग बोर्ड, बर्तन और मांस के संपर्क में आने वाली सभी सतहों को गर्म साबुन वाले पानी से साफ करना चाहिए.
अंडे के छिलके अक्सर पक्षी से निकली बूंदों से दूषित होते हैं, कच्चे या अधपके अंडे वाली चीजें खाने से बचें.
बर्ड फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं-
खांसी
डायरिया
सांस की तकलीफें
बुखार (100.4°F से ज्यादा)
सिर दर्द
मांसपेशियों में दर्द
बेचैनी
बहती नाक
गले में खराश
H5N1 इन्फेक्शन में मिचली, उल्टी और डायरिया जैसे लक्षण ज्यादा रिपोर्ट किए गए हैं.
इसके लिए सलाह दी जाती है-
नॉनवेज खरीदते वक्त साफ-सफाई रखें
मांस या अंडे को अच्छी तरह से पकाएं
संक्रमण वाले एरिया में मास्क लगाकर ही जाएं
मृत पक्षी के संपर्क से बचें, उसे सीधे छूने से बचें
पक्षियों के मल, नाक, मुंह या आंखों से निकलने वाले पदार्थ को न छूएं और अगर किसी वजह से छू रहे हैं, तो हाथ को अच्छी तरह से साफ जरूर करें
हैंड हाइजीन और रेस्पिरेटरी हाइजीन का हमेशा ख्याल रखें
अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में हैं या गए हैं, जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है या बर्ड फ्लू की आशंका जताई गई है और आप में इसका कोई लक्षण नजर आ रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी यात्रा की जानकारी जरूर दें.
(इनपुट- IANS, WHO)
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Published: 04 Jan 2021,06:49 PM IST