विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में सीजेरियन सेक्शन बढ़ रहा है और 2030 तक सभी जन्मों में इसका 29 फीसदी का योगदान होगा.
साथ ही, यह भी कहा गया है कि चिकित्सकीय रूप से अनावश्यक, संभावित हानिकारक प्रक्रियाएं बढ़ सकती हैं.
लेकिन कई देशों में अभी भी इसकी पहुंच की कमी है, खासकर कम विकसित देशों में, जहां लगभग 8 प्रतिशत और सब-सहारा अफ्रीका में सिर्फ 5 प्रतिशत महिलाओं ने सी-सेक्शन द्वारा बच्चे को जन्म दिया है.
जबकि सी-सेक्शन एक आवश्यक और जीवन रक्षक सर्जरी है, मगर जब कोई चिकित्सीय आवश्यकता न हो, फिर भी इसका उपयोग महिलाओं और शिशुओं को अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं के अनावश्यक जोखिम में भी डाल सकता है.
WHO के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अनुसंधान विभाग के निदेशक डॉ. इयान एस्क्यू ने कहा,
एस्क्यू ने कहा, "लेकिन इस समय किए गए सभी सिजेरियन सेक्शन चिकित्सा कारणों से आवश्यक नहीं हैं. अनावश्यक सर्जिकल प्रक्रियाएं एक महिला और उसके बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकती हैं."
2030 तक उच्चतम दर पूर्वी एशिया (63 प्रतिशत), लैटिन अमेरिका और कैरिबियन (54 प्रतिशत), पश्चिमी एशिया (50 प्रतिशत), उत्तरी अफ्रीका (48 प्रतिशत) दक्षिणी यूरोप (47 प्रतिशत) में होने की संभावना है) और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड (45 प्रतिशत), अध्ययन में उल्लेख किया गया है.
बीएमजे ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित परिणाम, 1990 से 2018 तक दुनिया भर के 154 देशों के डेटा पर आधारित हैं.
WHO गर्भावस्था और प्रसव में हर महिला की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व को भी रेखांकित करता है.
WHO और HRP में चिकित्सा अधिकारी एना पिलर बेट्रान ने कहा, "सभी महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से बात करने और उनके जन्म पर निर्णय लेने में सक्षम होना, जोखिम और लाभों सहित पर्याप्त जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है. गर्भावस्था और प्रसव के दौरान इमोशनल सपोर्ट क्वालिटी केयर का एक महत्वपूर्ण पहलू है."
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