जनवरी को सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है और यह महत्वपूर्ण है कि लोग इस स्थिति के कारणों, निदान और उपचार के बारे में जानकारी और जागरूकता फैलाने में मदद करें.
सर्वाइकल कैंसर अमेरिका में महिलाओं की मौत के लिए जिम्मेदार, प्रमुख कैंसर है. गलत धारणाएँ और मिथक लोगों के मन में और अधिक भय फैला सकते हैं. इसलिए, हम यहां एचपीवी और सर्वाइकल कैंसर से संबंधित आम मिथकों को दूर करने की कोशिश करेंगे.
एचपीवी सर्वाइकल कैंसर का कारण है लेकिन इससे जुड़े मिथक भी हैं. हमारा उद्देश्य गलत सूचना को तथ्यों से बदलना और स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.
क्योंकि कुछ एचपीवी सर्वाइकल, गले, गुदा, पीनल और अन्य कैंसर का कारण होते हैं, लोगों को लगता है कि इससे संक्रमित होना आम बात नहीं है. सेंटर ऑफ डिज़ीज़ कंट्रोल एण्ड प्रीवेन्शन (सीडीसी) के अनुसार, एचपीवी एक कोल्ड वायरस जितना ही सामान्य है और अमेरिका में हर साल 1.4 करोड़ लोग इससे संक्रमित होते हैं.
यौन रूप से सक्रिय हर व्यक्ति अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार एचपीवी से संक्रमित हो जाता है. जिन लोगों का जीवन भर केवल एक ही सेक्शुअल पार्टनर होते हैं, वे भी एचपीवी से संक्रमित हो सकते हैं.
नहीं पैप टेस्ट हर साल कराना आवश्यक नहीं है. नियमित रूप से जांच और परीक्षण करवाना महत्वपूर्ण है लेकिन ज़रूरी नहीं है की यह हर साल कराया जाए. अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, परीक्षण या जांच के लिए कुछ दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए:
21 से 29 वर्ष वाले लोगों को हर 3 साल पर ये टेस्ट कराना चाहिए
30 से 64 वर्ष की आयु के लोगों को हर 5 साल पर परीक्षण करवाना चाहिए
64 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए की क्या उन्हें अभी भी परीक्षण कराने की आवश्यकता है.
यह सबसे आम मिथकों में से एक है कि यदि आपके नज़दीकी परिवार में किसी को सर्वाइकल कैंसर हो, तो आपको भी यह होगा. परिवार में किसी को सर्वाइकल कैंसर होने से निश्चित रूप से इसका खतरा बढ़ जाता है, लेकिन यह जेनेटिक नहीं है और परिवार के सदस्यों के माध्यम से आपको नहीं हो सकता है.
सर्वाइकल कैंसर के सबसे आम प्रकार जैसे एडेनोकार्सिनोमा और स्क्वैमस सर्वाइकल कैंसर जेनेटिक नहीं हैं, लेकिन कुछ दुर्लभ प्रकार के सर्वाइकल कैंसर हैं, जो जेनेटिक म्यूटेशन के कारण परिवार के सदस्यों से फैल सकते हैं.
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, लगभग 100 प्रकार के एचपीवी होते हैं और केवल दो सामान्य प्रकार के एचपीवी जैसे एचपीवी -16 और एचपीवी -18 सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकते हैं. अन्य एचपीवी में से कुछ को शरीर के इम्यून सिस्टम द्वारा अपने आप दो साल के अंदर साफ किया जा सकता है, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जिनसे गंभीर स्वास्थ्य परेशानियाँ हो सकती हैं.
कभी-कभी, एचपीवी क्रोनिक संक्रमण का कारण बनता है, जो लंबे समय तक रहता है. वो अपने आप खत्म नहीं होता और समय के साथ कैंसर का कारण बन सकता है.
सीडीसी के अनुसार, एचपीवी यौन संचारित रोग का सबसे आम प्रकार है और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है, जो यौन रूप से सक्रिय हैं.
कई बार, व्यक्ति में एचपीवी संक्रमण होने पर भी कोई लक्षण नहीं दिखते हैं इसलिए एसीएस ने कुछ दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं, जिसमें बताया गया है कि लोगों को एचपीवी के लिए कब और कितनी बार जांच करवाना चाहिए.
सर्वाइकल कैंसर और इसका उपचार किसी व्यक्ति की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है. उनके लिए गर्भधारण करना मुश्किल और कभी-कभी असंभव भी हो सकता है. लेकिन प्रजनन क्षमता विभिन्न अन्य उपचारों के साथ बचाई जा सकती है. सर्वाइकल कैंसर से ज्यादा, इस स्थिति का उपचार प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है.
जटिलताओं से बचने और प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता लगाने के लिए नियमित रूप से परीक्षण करवाना बेहतर है और यदि आप संक्रमित पाए जाते हैं, तो आप अपनी प्रजनन क्षमता को बनाए रखने के लिए विभिन्न विकल्पों के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं.
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