इसकी शुरुआत बुखार और सूखी खांसी से हुई थी.
और फिर गले में खराश व गंध का अहसास खत्म हो जाना आया.
इसके बाद सांस लेने में तकलीफ, भ्रम (delirium) और यहां तक कि स्ट्रोक भी इसमें शामिल हो गया.
क्या यह कोविड है या सिर्फ आम वायरल बुखार?
कोविड के लक्षण कहां से शुरू होते हैं और कहां खत्म होते हैं?
बहुत से, खासकर नौजवान स्वस्थ लोग, हो सकता है किसी भी लक्षण का अनुभव न करें, लेकिन किसी और में कई लक्षणों का मेल अलग स्तर का दिख सकता है.
यहां सभी पुराने और नए लक्षण शामिल किए गए, आम और दुर्लभ कोविड लक्षण हैं जिनके बारे में आपको जानना चाहिए.
दुनिया भर की हेल्थ अथॉरिटीज ने बुखार, गले में खराश और सूखी खांसी को कोविड-19 के सबसे आम और शुरुआती लक्षणों में शामिल किया है.
दूसरे बहुत से आम लक्षण जो बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा लक्षणों की लिस्ट में शामिल किए गए:
जून 2020 में पहली बार कोविड-19 इंफेक्शन के लक्षणों में गंध नहीं मिलने और स्वाद नहीं आने को जोड़ा गया. ये लक्षण कोविड के मरीजों में इतने आम हैं कि इन्हें बीमारी की पहचान के लक्षण के बजाय बीमारी का निर्धारक मान लिया जाता है.
भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार ये लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, और धीरे-धीरे गंभीर होते जाते हैं.
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अंशु रोहतगी ने पहले के एक लेख में फिट से कहा था, “सिर्फ स्वाद नहीं आना और गंध नहीं मिलना सेल्फ-आइसोलेशन के लिए पर्याप्त वजह नहीं है. ये लक्षण आमतौर पर तमाम वजहों से दूसरे इन्फ्लूएंजा और फ्लू में भी देखे जाते हैं.”
यही बात दूसरे आम लक्षणों के मामले में भी लागू होती है, जैसे गले में खराश और खांसी दूसरे इंफेक्शनों में भी होते हैं.
यही वजह है कि इन लक्षणों की शुरुआत के क्रम पर भी विशेषज्ञ ध्यान देते हैं.
फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि इन्फ्लूएंजा की शुरुआत आमतौर पर खांसी से होती है, जबकि कोविड-19 का पहला लक्षण बुखार है.
बीते कुछ महीनों के दौरान जैसा कि हम इंफेक्शन और इसके रूपों को बेहतर तरीके से समझने लगे हैं, तमाम अध्ययनों में बीमारी से जुड़े अन्य लक्षणों के पैटर्न पाए गए हैं.
इनमें त्वचा पर चकत्ते, नींद से जागने में या जागे रहने में मुश्किल, मिचली, उल्टी और भूख न लगना शामिल हैं.
CDC के अनुसार कुछ लोगों में त्वचा, होंठ या नाखून में नीलापन दिखाई दे सकता है.
इसके अलावा, चूंकि इंफेक्शन मुख्य रूप से फेफड़ों पर असर करता है, इसलिए ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी की वजह से इससे जुड़ी दूसरी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं, जिसमें जाहिर तौर पर असंबद्ध लगती दिल की समस्याएं भी शामिल हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि ऊपर बताए लक्षणों में से कोई भी गंभीर हो सकता है.
इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन भी पुरजोर ढंग से सलाह देता है कि अगर आपको यहां आगे बताए कोई भी गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो फौरन मेडिकल मदद हासिल करें.
कुछ और कम दिखने वाले लेकिन गंभीर लक्षणों में शामिल हैं,
कुछ गंभीर मामलों में, कोविड में असामान्य रूप से खून के थक्के जम सकते हैं, जिससे मौत भी हो सकती है. इससे मरीज को स्ट्रोक का भी रिस्क है, भले ही उसे दूसरे लक्षण हल्के हों.
खुद अपना ख्याल रखने के अलावा कोविड-19 का कोई तय इलाज या ट्रीटमेंट नहीं है.
यह देखते हुए कि हम इस बारे में पूरी तरह निश्चित नहीं हो सकते कि इंफेक्शन कितना गंभीर रूप ले सकता है, और साथ ही लंबे समय तक रहने वाले लक्षण अभी भी काफी हद तक हमारे लिए एक पहेली हैं, बचाव ही सबसे समझदारी भरा रास्ता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन खांसने या छींकने वाले लोगों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखने की भी सलाह देता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 07 Apr 2021,06:03 PM IST