भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा फेज शुरू हो चुका है. अब तक करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. लेकिन इसी बीच मुंबई के सायन हॉस्पिटल से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद एक शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. यहां एमबीबीएस फाइनल ईयर का छात्र कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट में तैयार की गई वैक्सीन कोविशील्ड की दो डोज दी गई थी.
बताया गया है कि छात्र में कोरोना इन्फेक्शन के हल्के लक्षण सामने आने के बाद उसका कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें वो पॉजिटिव निकला. इसके बाद उसे मुंबई के सेवन हिल्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. साथ ही छात्र के साथ रहने वाले कुछ और लोगों को भी क्वॉरन्टीन में भेज दिया गया.
क्या वैक्सीन लगवाने के बाद कोई कोरोना संक्रमित हो सकता है? क्या ये चिंतित होने वाली बात है? इस सिलसिले में फिट ने वायरोलॉजिस्ट और अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के डायरेक्टर डॉ शाहिद जमील से बात की.
डॉ जमील बताते हैं कि टीका गंभीर संक्रमण को रोकने में मदद करता है, "अगर वह छात्र टीका नहीं ले पाया होता, तो शायद उसको गंभीर संक्रमण हो जाता, लेकिन इसके बजाए उसे हल्का संक्रमण हुआ."
फैक्ट यह है कि वैक्सीन महामारी का पूरा समाधान नहीं है और इसे ऐसे नहीं देखा जाना चाहिए. डॉ जमील कहते हैं,
वैक्सीन आपको गंभीर बीमारी से बचाने में मदद करने के लिए है न कि संक्रमित होने से बचाने के लिए है.
इसका मतलब यह भी है कि भले ही आपको वैक्सीन मिल जाए, आप वायरस को ट्रांसमिट कर सकते हैं, इसलिए COVID प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है, जब तक कि महामारी खत्म नहीं हो जाती.
डॉ जमील कहते हैं कि दूसरे बूस्टर शॉट के बाद इम्यूनिटी विशेष रूप से एंटीबॉडी डेवलप होने में "लगभग 7-10 दिन" लगते हैं.
लेकिन उन्होंने बताया कि इसका मतलब यह नहीं है कि आप पूरी तरह से सुरक्षित हैं. इसलिए अगर आप वैक्सीन लगवा चुके हैं, तो भी मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड हाइजीन बनाए रखें.
अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि क्या वैक्सीन लगवाने का कोई फायदा नहीं है, तो डॉ जमील कहते हैं, "वैक्सीन आपको गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में मदद करती हैं. मुझे उम्मीद है कि इस घटना को सामान्य रूप से देखा जाए और कोई घबराए नहीं.”
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