ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक नये वेरिएंट की पहचान हुई है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना के नए वेरिएंट की वजह से तेजी से संक्रमण फैल सकता है. इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में अब तक इसके 1 हजार से ज्यादा मामलों की पहचान हुई है.

मामला क्या है?

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यूके के हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैंकॉक ने बताया कि करीब 60 इलाकों में इस नये वेरिएंट से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसकी सूचना दे दी गई है और वैज्ञानिक इस पर स्टडी कर रहे हैं.

मैट हैंकॉक ने हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों को बताया कि इन इलाकों में केवल सात दिन में इस घातक वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं.

कोरोना वायरस के नये वेरिएंट की पहचान हुई है, इसके 1 हजार से ज्यादा मामलों की पहचान हुई है. कोरोना वायरस के नये वेरिएंट के मामले दक्षिण इंग्लैंड में सबसे ज्यादा पाए गए हैं.
मैट हैंकॉक, हेल्थ सेक्रेटरी, यूके

इंग्लैंड के चीफ मेडिकल ऑफिसर प्रोफेसर क्रिस व्हिट्टी ने कहा कि हाल के हफ्तों में मुख्य रूप से केंट और पड़ोसी क्षेत्रों में पाए गए नए वेरिएंट की पहचान मौजूदा कोरोना वायरस स्वैब टेस्ट से हो सकती है.

क्या वैक्सीन अब भी काम करेगी?

नए वेरिएंट की खबरें लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन हैंकॉक का मानना है कि COVID-19 वैक्सीन अभी भी उपयोगी होगी.

इस नये स्ट्रेन से ज्यादा गंभीर बीमारी होगी या इस पर वैक्सीन काम नहीं करेगी, ऐसा कहने के लिए कुछ नहीं है.

फिर भी, उन्होंने कहा, "हमें तेजी से और निर्णायक कार्रवाई करनी होगी जो इस घातक बीमारी को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से आवश्यक है."

परिवर्तन या उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) में वायरस का स्पाइक प्रोटीन शामिल होता है- वह हिस्सा जो कोशिकाओं को संक्रमित करने में मदद करता है, और कोरोना की वैक्सीन इसी को टारगेट करने के लिए डिजाइन की गई है.

नये वेरिएंट का क्या असर होगा, इस पर और अधिक जानकारी और विस्तृत अध्ययन की जरूरत है.

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क्या हमें इससे परेशान होने की जरूरत है?

एक्सपर्ट्स की इस पर अलग-अलग राय है.

बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एलन मैकनली ने बीबीसी को बताया, "इसका मतलब यह नहीं है कि यह अधिक संक्रामक या खतरनाक है. इस पर नजर रखने की जरूरत है. काफी प्रयास जारी हैं. वेरिएंट की विशेषता और इसके उद्भव को समझने के साथ इस स्ट्रेन पर एक शांत और तर्कसंगत दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सामान्य वायरस विकास है और समय के साथ नए वेरिएंट आते और जाते हैं."

Wellcome के डायरेक्टर डॉ जेरेमी फरार ने इसके गंभीर होने की संभावना जताते हुए कहा, "निगरानी और अनुसंधान जारी रखना चाहिए और हमें वायरस से आगे रहने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए."

इसलिए इस समय हर जगह डरावनी सुर्खियां हैं, लेकिन फिर भी यह जानने के लिए कोई साइंटिफिक डिटेल नहीं है कि इसका क्या असर हो सकता है.

वायरस म्यूटेट कैसे करता है?

सभी "नए स्ट्रेन" या "नए वेरिएंट" को समझने के लिए एक आसान नियम ये देखना है कि क्या वायरस का व्यवहार बदल गया है.

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि वायरस म्यूटेट होते रहते हैं. यह उनके व्यवहार का सामान्य हिस्सा है. अभी, हमें डरा दिया गया है, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया है, जो चिंताजनक है, लेकिन इससे पहले कि हम घबराएं और अधिक जानकारी की आवश्यकता है.

मैट हैंकॉक ने कहा कि कोरोना वायरस का नया वेरिएंट "इंग्लैंड के दक्षिण-पूर्व में तेजी से फैलने के साथ" जुड़ा हो सकता है. यहां ये नहीं कहा गया कि इसी के कारण संक्रमण बढ़ रहा है.

हैंकॉक ने ये नहीं कहा कि यह वायरस व्यक्ति से व्यक्ति में अधिक आसानी से फैलने के लिए विकसित हुआ है.

(IANS इनपुट के साथ)

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