जापान के रिसर्चर्स की एक स्टडी बताती है कि कोरोना वायरस इंसानों की स्किन पर 9 घंटे तक रह सकता है.
SARS-CoV-2 नाम का कोरोना वायरस, जिसके कारण पूरी दुनिया कोरोना वायरस डिजीज-2019 (COVID-19) महामारी से जूझ रही है. ये वायरस इंसानों की त्वचा यानी स्किन पर फ्लू वायरस की तुलना में ज्यादा देर तक रह सकता है.
स्टडी में ये भी पाया गया कि दोनों ही वायरस हैंड सैनिटाइजर से जल्द इनएक्टिव यानी निष्क्रिय हो गए.
इससे पहले एक स्टडी में विश्लेषण किया था कि SARS-CoV-2 कई तरह की सतहों पर कितनी देर तक रह सकता है और पाया था कि कोरोना वायरस तांबे की सतहों पर 4 घंटे तक, कार्डबोर्ड पर 24 घंटे तक, प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर 72 घंटे तक रह सकता है.
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबकि यह पता करना कि मानव त्वचा पर वायरस कितनी देर तक रह सकता है, अधिक जटिल है क्योंकि लोगों के हाथों पर संभावित घातक वायरस के सैंपल नहीं डाल सकते हैं.
इस स्टडी के लिए जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने ऑटोप्सिस यानी शव से लिए मानव त्वचा के सैंपल से एक त्वचा मॉडल बनाया. स्किन के सैंपल मौत के लगभग एक दिन बाद इकट्ठे किए गए थे.
हालांकि, दोनों वायरस 80% इथेनॉल वाले हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने के 15 सेकंड बाद त्वचा पर निष्क्रिय हो गए.
स्टडी के लेखकक्लीनिकल इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में आए अपने पेपर में लिखते हैं,
इस स्टडी का निष्कर्ष कोरोना संक्रमण फैलने की रोकथाम के लिए साबुन से हाथ धोने या सैनिटाइजर के इस्तेमाल अहमियत साबित करता है.
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