हमारी छींक, खांसी और यहां तक कि बोलने के दौरान बाहर निकले ड्रॉपलेट्स कितनी दूर तक जा सकते हैं, इसे लेकर कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद बीते महीनों कई स्टडीज हुई हैं.
सिंगापुर के रिसर्चर्स ने वायरल ट्रांसमिशन को समझने के लिए द्रव भौतिकी के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया. ये पेपर 'फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स' नाम के जर्नल में आया है.
अध्ययन के लेखक फोंग येव लियोंग ने कहा,
एक बार की खांसी में कई आकार के ड्रॉपलेट बड़ी मात्रा में निकलते हैं.
वहीं इन बेहद छोटी बूंदों में वायरल लोड बढ़ सकता है, जिससे वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
वैज्ञानिकों की ये खोज हवा की रफ्तार, नमी और तापमान जैसे पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 04 Nov 2020,04:52 PM IST