भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बुरी तरह जूझ रहा है. देश में रोजाना 3-4 लाख कोविड मामले सामने आ रहे हैं. इसी बीच, 1 मई से 18 साल से ऊपर की उम्र वाले लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया गया है. कई लोगों के मन में सवाल है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद कब वैक्सीन लगवाना सही होता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, आपको संक्रमण के कितने दिन बाद वैक्सीन लगवानी चाहिए, जानिए:
मैं अभी कोरोना संक्रमित हूं. ऐसे में वैक्सीन कब लगवानी चाहिए?
ऐसी सलाह दी जाती है कि वैक्सीन का पहला डोज लगवाने के लिए कोविड से 14 दिन की रिकवरी के बाद 2 से 8 हफ्तों का इंतजार करना चाहिए.
इसी के साथ ये बात भी ध्यान रखने वाली है कि कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को प्रोत्साहित किया जाता है, भले ही पहले संक्रमण हुआ हो.
मुझे अभी तक टेस्ट रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन लक्षण कोविड के हैं. क्या कोरोना वैक्सीन लगवाई जा सकती है?
नहीं. अगर आप में कोविड-19 के लक्षण हैं तो आप वैक्सीन नहीं लगवा सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, ऐसे में वैक्सीनेशन सेंटर पर दूसरे लोगों में संक्रमण फैल सकता है. लक्षण के खत्म होने के कम से कम दो हफ्ते बाद वैक्सीन लगवाई जा सकती है.
मैंने वैक्सीन की एक डोज ले ली है, लेकिन दूसरी डोज से पहले कोविड हो गया. क्या दूसरी डोज ली जा सकती है?
हां. आपको वैक्सीन की डोज बिल्कुल लेनी चाहिए. हालांकि, आपको पूरी तरह से रिकवर होने तक का इंतजार करना होगा, रिकवरी के कम से कम चार हफ्ते तक.
कोवैक्सीन की दूसरी डोज 28 दिनों में लेनी होती है. अगर मैंने अपना स्लॉट मिस कर दिया तो?
अगर आपने अपनी कोविड वैक्सीन की तारीख मिस कर दी है, तो आप दोबारा अप्वॉइंमेंट ले सकते हैं. कोशिश करें कि वैक्सीन की दूसरी डोज, पहले डोज के 28 से 42 दिनों के अंदर ले लें.
कोविशील्ड वैक्सीन के दूसरे डोज में कितना अंतर होना चाहिए?
कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद, दूसरा डोज 6 से 8 हफ्तों के बीच लिया जा सकता है.
वैक्सीन लेने के बाद अगर मुझे कोविड संक्रमण होता है, तो क्या मुझसे दूसरों को संक्रमण का खतरा है?
हां. वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद भी अगर आपको कोविड हुआ है, तो आप इससे दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं. कोविड संक्रमण होते ही तुरंत खुद को आइसोलेट करें और हमेशा मास्क पहने रखें.
क्या कोविड संक्रमण के बाद वैक्सीन का दूसरा डोज लेने से वैक्सीन की प्रभावकारिता कम हो जाती है?
इस संबंध में अभी तक स्टडीज नहीं हुई हैं. हालांकि, डॉक्टरों ने बार-बार कहा है कि वैक्सीन के दोनों डोज को कोविड से परमानेंट बचाव के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. वैक्सीन से बीमारी की गंभीरता में कमी लाने में मदद मिलती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined