डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 27 मई 2021 को जारी COVID-19 मैनेजमेंट गाइडलाइन में ऐसी कई दवाइयों को हटा दिया गया है, जिनका अब तक कोरोना में काफी इस्तेमाल किया गया है और जिन्हें अब तक कोरोना मैनेजमेंट की गाइडलाइन में शामिल किया गया था.

जब COVID-19 पहली बार शुरू हुआ, तो इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. इसीलिए इससे निपटने के लिए कई तरह की दवाइयां और तरीके अपनाए गए.

इस दौरान कुछ दवाइयां और थेरेपी COVID-19 की जादूई दवाओं के तौर पर मशहूर हुईं, हालांकि आगे स्टडीज के नतीजे आने के साथ साफ होता गया कि वो कितनी कारगर हैं या नहीं हैं.

आइवरमेक्टिन (Ivermectin), हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine) जैसी दवाइयों को लेकर मेडिकल बिरादरी और कई एक्सपर्ट्स ने पहले ही कहा था कि इनके कोरोना में असरदार होने को लेकर कोई प्रमाण नहीं है.

वहीं रेमडिसविर (Remdesivir) और प्लाज्मा थेरेपी (convalescent plasma therapy) पर हुई स्टडीज में भी ये रामबाण इलाज साबित नहीं हुईं.

हाल में आई कोरोना मैनेजमेंट गाइडलाइन में Ivermectin, HCQ और प्लाज्मा थेरेपी नहीं है. वहीं ऑफ लेबल या इमरजेंसी यूज के तौर पर कुछ दवाइयों को कब इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके निर्देश दिए गए हैं.

(फोटो: https://www.dghs.gov.in/)

(फोटो: https://www.dghs.gov.in/)

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस नए दिशानिर्देश का स्वागत किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने इसे 'सरल और तर्कसंगत' बताया.

COVID-19: नई गाइडलाइन में क्या बताया गया है?

  • बिना लक्षण वाले लोग

कोरोना संक्रमित ऐसे लोग जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं, इस स्तर पर किसी जांच या दवा की आवश्यकता नहीं है

  • कोरोना के हल्के यानी माइल्ड मामले

Mild Cases के लिए Ivermectin या Hydroxychloroquine हटा दिया गया है. इसमें बुखार और खांसी जैसे लक्षणों से राहत के लिए दवा लेने को कहा गया है.

खांसी के लिए बुडेसोनाइड (Budesonide) सिफारिश की गई है.

  • कोरोना के मॉडरेट मामले

ऑक्सीजन थेरेपी और स्टेरॉयड की सिफारिश केवल उन रोगियों के लिए की जाती है, जिनका ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 92 से नीचे हो और केवल तभी जब प्रेस्क्रिप्शन के कुछ मानदंड पूरे होते हों.

  • कोरोना के गंभीर मामले

इस स्तर पर ऑक्सीजन थेरेपी, स्टेरॉयड, एंटी-कोआगुलंट्स की सिफारिश की जाती है.

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HRCT स्कैन की सिफारिश, अत्यधिक सावधानी के साथ और केवल तभी जब लक्षण बिगड़ रहे हों, की गई है.

विशिष्ट उपचार के लिए दिशानिर्देश

सामान्य सिफारिशों के अलावा, इस गाइडलाइन में इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन/ऑफ लेबल यूज की कैटेगरी वाली दवाइयों को लेकर ये बताया गया है कि कब और किन हालात में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.

Remdesivir

गाइडलाइन में कहा गया है, "डॉक्टरों को रेमडेसिविर का उपयोग करने में अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह केवल एक प्रायोगिक दवा है, जिससे नुकसान की संभावना भी है."

Tocilizumab

केवल गंभीर और गंभीर रूप से बीमार रोगियों में ही उपयोग किया जाना चाहिए, जो स्टेरॉयड के 24-48 घंटों के बाद भी ऑक्सीजन की आवश्यकता के मामले में सुधार के कोई संकेत नहीं दिखाते हैं और जिनके इन्फ्लेमेटरी मार्कर बढ़े होते हैं.

स्टेरॉयड

गाइडलाइन में कहा गया है, "स्टेरॉयड COVID-19 के बिना लक्षण वाले और हल्के मामलों में हानिकारक है."

स्टेरॉयड के इस्तेमाल की केवल एक डॉक्टर की देखरेख और एक अनुशंसित खुराक के तहत अस्पताल में भर्ती मध्यम गंभीर और बेहद गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए सलाह दी जाती है.

इसमें म्यूकोरमाइकोसिस (mucormycosis) के प्रबंधन के लिए सिफारिशें भी शामिल हैं.

इसके इलाज के लिए बीमारी की स्टेज के अनुसार Liposomal Amphotericin B की डोज अनुशंसित की गई है.

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Published: 07 Jun 2021,06:32 PM IST

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