डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली बीमारी COVID-19 का जोड़ों पर लंबे समय तक प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
शुरुआती दिनों में यह देखा गया था कि कोरोना वायरस श्वसन प्रणाली को प्रभावित करेगा, उसके बाद हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों पर प्रभाव पड़ेगा. अब यह देखा जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण से ठीक होने के बाद कम से कम 20-30 प्रतिशत लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या रह सकती है.
COVID-19 से संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक जोड़ों के दर्द की शिकायत करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
इस स्थिति को 'रिएक्टिव आर्थ्राल्जिया (Reactive Arthralgia)' या रिएक्टिव अर्थराइटिस कहा जाता है, जिससे मानव शरीर के दूसरे हिस्से में संक्रमण के कारण जोड़ों में दर्द और सूजन हो जाती है और यह कई कारणों से होता है.
ग्लेनीगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल्स के ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट एंड रिजेनेरेटिव ऑर्थोपेडिक सर्जन और कंसल्टेंट कोल्ला साकेत ने बताया,
SLG हॉस्पिटल्स में सीनियर कंसल्टेंट ऑथोर्पेडिक सर्जन जगन मोहन रेड्डी वेलपुला का सुझाव है कि स्वस्थ आहार लेने के अलावा, COVID-19 संक्रमण से उबरने वालों को एक्सरसाइज रूटीन का चार्ट बनाना चाहिए.
उन्होंने कहा,
अवेयर ग्लेनीगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल्स में कंसल्टेंट ऑथोर्पेडिक सर्जन वी.वी. सत्यनारायण ने स्टेरॉयड के उपयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी.
उन्होंने कहा, "कोविड-19 से संक्रमित कई रोगियों के लिए स्टेरॉयड की आवश्यकता होती है, संभवत: उन लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जो पहले से ही जोड़ों के दर्द जैसी स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रहे होते हैं."
कुछ लोगों में, अपच जैसी समस्याएं और थकान भी कोविड-19 संक्रमण के बाद के चरणों में होने वाली जटिलताओं के रूप में देखी जा रही हैं. डॉक्टरों के साथ नियमित परामर्श से वायरल संक्रमण से जुड़ी सभी संभावित समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी.
जब कोई व्यक्ति कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित होता है, तो फेफड़े संभवत: तत्काल और सबसे अधिक संक्रमित अंग होते हैं.
हेल्दी और संतुलित आहार, थोड़ा व्यायाम और समय पर डॉक्टर के पास पहुंचना मध्यम से लंबी अवधि में समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा.
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