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Dust Storm In Delhi NCR: दिल्ली एनसीआर का मौसम अचानक इतना अधिक धूल भरा क्यों?

Air Pollution: बीमार होने से बचने के लिए हम क्या सावधानियां बरत सकते हैं, यह समझने के लिए फिट ने डॉक्टर से बात की.

अश्लेषा ठाकुर
Health News
Published:
<div class="paragraphs"><p>Delhi Pollution:&nbsp;दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर ठीक नहीं. ऐसे रखें ख्याल.</p></div>
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Delhi Pollution: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर ठीक नहीं. ऐसे रखें ख्याल.

(फोटो-पीटीआई)

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Dust Storm In Delhi NCR: क्या आप भी ये सोच रहे हैं कि दिल्ली एनसीआर का मौसम अचानक इतना अधिक धूल भरा क्यों हो गया? हम बताते हैं, राजस्थान में बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण दिल्ली के ऊपर धूल भरी आंधी चल रही है और इसके साथ हल्की बारिश भी हो सकती है, जैसा कि राजस्थान के उत्तरी भागों में देखा गया है. एक तो पहले से ही दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर ठीक नहीं है और आजकल यहां चल रही धूल भरी आंधी ने हेल्थ से जुड़ी समस्याएं बढ़ा दी हैं.

फिट हिंदी ने गुरुग्राम के सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स में पल्मोनोलॉजी विभाग की एचओडी एंड सीनियर कंसल्टेंट डॉ. बंदना मिश्रा से इस बारे में जाना. डॉ. बंदना मिश्रा कहती हैं, "बेशक यह धूल भरा वातावरण फेफड़ों के लिए नुकसानदायक है. मेरे अपने अनुभव में पहले से अस्थमा और एलर्जी से जूझ रहे मरीज इस धूल से परेशान होकर आ रहे हैं, वहीं बहुत से आम लोग भी अचानक खांसी, छींक, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ की समस्या लेकर आ रहे हैं.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, मंदिर मार्ग पर पीएम 10 का स्तर सोमवार रात में160 µg/m3 से बढ़कर मंगलवार सुबह 1915 µg/m3 हो गया. उसी तरह दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, नेहरू नगर में पीएम 10 का स्तर मंगलवार दोपहर 2 बजे 62 µg/m3 से बढ़कर मंगलवार सुबह 9 बजे 1757 µg/m3 हो गया.

(फोटो:फिट)

दुनिया भर में 300 मिलियन से अधिक लोग अस्थमा पीड़ित हैं. इनमें से करीब 38 मिलियन अस्‍थमा रोगी भारत में हैं. अस्थमा मुख्य रूप से एलर्जी से होने वाला रोग है, लेकिन कई बार कुछ अस्‍थमा रोगी ऐसे भी होते हैं, जिनके मामले में किसी प्रकार की एलर्जी का पता नहीं चल पाता.

(फोटो:iStock)

जिन लोगों को केवल प्रदूषण से एलर्जी हैं, उन्हें खुजली, गले में खराश, नाक बहने, छींक आने और आंखों में पानी आने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि जो लोग हवा से जुड़ी दूसरी एलर्जी, खासकर पराग से होने वाली एलर्जी से पीड़ित हैं, उनमें लक्षण ज्यादा गंभीर हो सकते हैं और उन्हें डॉक्टर मदद की जरूरत पड़ सकती है.

(फोटो:iStock)

ब्रोंकाइटिस सांस से संबंधित एक सामान्य क्रॉनिक स्थिति है, जो प्रदूषण, तंबाकू, वायरस, बैक्टीरिया, एलर्जी या धूल जैसे कई कारकों की वजह से होती है और ये ब्रोन्कियल ट्यूब में सूजन का कारण बनते हैं. ये ट्यूब मुंह और नाक से हवा को फेफड़ों तक पहुंचाने का काम करती हैं.

(फोटो:iStock)

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ऐसे धूल भरे मौसम में सबसे पहले जब तक बहुत जरूरी न हो घर से बाहर न निकलें. जहां तक संभव हो धूल भरी आंधी के सीधे संपर्क में आने से बचें.

(फोटो:iStock)

बाहर निकलना हो तो मास्क लगाकर ही निकलें.

(फोटो:iStock)

फ्लू और निमोनिया से बचाव के लिए वैक्सिनेशन जरूर लगवाएं.

(फोटो:iStock)

पहले से अस्थमा, एलर्जी और दूसरे फेफड़ों से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे लोग अधिक सचेत रहें और अपनी दवाएं नियमित रूप से लें.

(फोटो:iStock)

धूम्रपान न करें क्योंकि यह फेफड़ों को तो नुकसान पहुंचाएगा ही, साथ ही प्रदूषण में भी इजाफा करेगा.

(फोटो:iStock)

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