अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की ओर से 7 जून को अल्जाइमर की एक नई दवा Aduhelm को मंजूरी दी गई.

पिछले लगभग 2 दशक में FDA द्वारा मंजूर अल्जाइमर रोग के इलाज के लिए यह पहली दवा है, लेकिन कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाया है.

वाशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट के अनुसार, अब तक एफडीए की सलाहकार समिति के दो सदस्यों ने अल्जाइमर के लिए इस दवा को मंजूरी देने के फैसले पर इस्तीफा दे दिया है.

इस दवा के बारे में हम क्या जानते हैं? इसे लेकर क्या विवाद है? ये समझते हैं.

Aduhelm: कैसे काम करती है अल्जाइमर के लिए मंजूर हुई ये दवा?

इस दवा को फार्मा कंपनी Biogen Inc. ने अल्जाइमर डिजीज (Alzheimer's disease) के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल करने के लिए बनाया है.

अल्जाइमर रोग समय के साथ बढ़ने वाली बीमारी है, जो याददाश्त, तर्क, संज्ञानात्मक क्षमताओं और बुनियादी कामों में गिरावट की वजह बनती है. अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे कॉमन टाइप भी है.

सबसे पहले, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि यह दवा अल्जाइमर का इलाज नहीं है, न ही कोई जादूई दवा है, जो बीमारी को ठीक कर सकती है और न ही नुकसान की भरपाई कर सकती है.

ये दवा को उन रोगियों में अल्जाइमर की प्रगति को धीमा करने के लिए बनाई गई है, जो बीमारी के बेहद शुरुआती चरण में हैं.

Biogen के मुताबिक Aduhelm के क्लीनिकल ट्रायल अल्जाइमर रोग (हल्के संज्ञानात्मक नुकसान और हल्के मनोभ्रंश यानी डिमेंशिया) के शुरुआती चरण वाले रोगियों के साथ किए गए, जिनमें एमिलॉइड पैथोलॉजी की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी.

अल्जाइमर्स एसोसिएशन के अनुसार, बीटा-एमिलॉइड चिपचिपे पदार्थ होते हैं, जो मस्तिष्क में बनते हैं और प्लैक (plaques) बनाते हैं.

ऐसा माना जाता है कि ये अल्जाइमर के शारीरिक लक्षण दिखने से कुछ समय पहले मस्तिष्क में बनना शुरू हो जाते हैं और इसका उपयोग शुरुआती मामलों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है.

इस दवा के फेज 2 और 3 के क्लीनिकल ट्रायलों में पाया गया कि इसने इन बीटा-एमिलॉइड को कम किया, जो यह नहीं कहता कि यह बीमारी को रोकता है, बल्कि प्रक्रिया को धीमा कर सकता है.

इसके अलावा, इस दवा की टेस्टिंग शुरुआती स्टेज वाले रोगियों पर हुई और इस बात का सबूत नहीं है कि ये दवा मॉडरेट से लेकर एडवांस स्टेज वाले रोगियों पर भी काम करेगी.

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एविडेंस की कमी के बावजूद मंजूरी?

अनिर्णायक साक्ष्य के आधार पर 11 सदस्यों ने लगभग सर्वसम्मति से इस दवा की मंजूरी के खिलाफ वोट किया. हालांकि, सोमवार, 7 जून को, एफडीए ने दवा को अप्रवूल दे दिया.

एफडीए ने इस विवाद पर कहा कि मंजूरी का फैसला क्लीनिकल ट्रायल के आधार पर किया गया.

बता दें कि एफडीए ने नवंबर में दवा की मंजूरी के लिए Biogen के आवेदन को खारिज कर दिया था.

दवा के काम न करने के कारण 2019 में पिछले 2 ट्रायल में भी कटौती की गई थी.

एफडीए की मंजूरी चौथे क्लीनिकल ट्रायल की शर्त के साथ दी गई है, ये साबित करने कि असल में दवा का लॉन्ग टर्म फायदा है.

किस चीज की आलोचना कर रहे हेल्थ एक्सपर्ट?

एफडीए ने इस दवा के लिए जिस तेज मंजूरी का इस्तेमाल किया, वह जानलेवा बीमारियों के इलाज के लिए होता है, "जो मौजूदा ट्रीटमेंट पर सार्थक चिकित्सीय फायदे देते हैं, जो ये दवा नहीं देती है", हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं.

पर्याप्त सबूत के बिना दवा को जल्दबाजी में मंजूरी दिए जाने पर वैज्ञानिकों की राय बंटी हुई है.

वहीं इस दवा के महंगे होने की भी आलोचना की जा रही है. कंपनी के अनुसार, इसकी लागत लगभग $56000 (40 लाख से ज्यादा) सालाना होगी.

विशेषज्ञों की चिंता है कि इससे हताश परिवार एक ऐसी दवा पर हजारों डॉलर खर्च कर सकते हैं, जो शायद काम न करे.

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Published: 10 Jun 2021,05:42 PM IST

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