जब हम बीमार पड़ते हैं तो हमारे शुभचिंतक फल लेकर हमसे मिलने आते हैं. सोचा है क्यों? आसान जवाब है- क्योंकि ये पचने में आसान होता है.
सबसे आसानी से पचने वाला भोजन फल है. जटराग्नि - पाचन की आग को सबसे प्रभावी रूप से जलाना है, तो फल निश्चित रूप से सबसे अच्छा ईंधन है.
2019 में अमेरिका के टुफ्ट्स यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में बताया गया कि पर्याप्त मात्रा में सब्जी और फल नहीं खाने से दुनिया भर में लाखों लोग हर साल कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों की वजह से मौत का शिकार हो जाते हैं.
एक मजबूत पाचन तंत्र आपको फल से ज्यादा विटामिन और फाइबर लेने में मदद करता है, जो आपको हेल्दी वेट बनाए रखता है, आपको हार्ट की बीमारियों से बचाता है और भरपूर ऊर्जा देता है.
इस रिसर्च के मुताबिक हर रोज फल और सब्जियों की 2 सर्विंग्स का सेवन करने वालों की तुलना में, जिन प्रतिभागियों ने फल और सब्जी की एक दिन में 5 सर्विंग्स का सेवन किया, उनमें सभी कारणों से मृत्यु का जोखिम 13% कम पाया गया; हृदय रोग (स्ट्रोक समेत) से मौत का जोखिम 12% कम; कैंसर से मृत्यु का जोखिम 10% कम और सांस की बीमारियों जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से मृत्यु का जोखिम 35% कम पाया गया.
ये स्टडी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के फ्लैगशिप जर्नल सर्कुलशेन में पब्लिश की गई है.
लेकिन अब सवाल ये है कि हम फल कब खा सकते हैं और कितना खा सकते हैं?
हर किसी की डाइट में ज्यादा से ज्यादा 30% तक फल होने चाहिए.
जब आपने रात के बाद काफी समय तक कुछ नहीं खाया होता है, तो पाचन जल्दी और आसानी से होता है. आपका शरीर फलों को पचाने के लिए एक खास एंजाइम का इस्तेमाल करता है. जब ये एंजाइम अन्य खाद्य पदार्थों के बिना अपना काम करते हैं, तो शरीर फलों को बेहतर तरीके से प्रोसेस करता है. इससे सभी पोषक तत्व, फाइबर और शुगर ज्यादा से ज्यादा एब्जॉर्ब हो पाते हैं.
फलों में शुगर और कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो खाने के साथ या तुरंत बाद खाने पर पेट में मौजूद बैक्टीरिया के साथ फर्मंटेशन (किण्वन) की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं. इससे डाइजेशन (पाचन) में परेशानी हो सकती है. इसलिए कम से कम 30 मिनट का अंतर रखने की सलाह दी जाती है.
न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन कहती हैं कि अगर आप नाश्ते में फल नहीं खा रहे हैं, तो भोजन और फल खाने के बीच कम से कम 30 मिनट का अंतर रखें.
सभी फल एक क्षारीय एश छोड़ते हैं. अगर आपको अल्सर या हाइपर एसिडिटी जैसी परेशानी है, तो अलग-अलग फलों (जैसे अम्लीय, न्यूट्रल और शर्करा) का मिश्रण एक चिंता की बात हो सकती है. हालांकि, इसके अलावा, वास्तव में कोई समस्या नहीं है.
वर्कआउट से पहले फल खाना बहुत अच्छा होता है. भरपूर शुगर और कार्बोहाइड्रेट के जरिये फल आपको ऊर्जा से भर सकता है. ये आपको जरूरी विटामिन भी देता है.
वहीं वर्कआउट के बाद मांसपेशियों की रिकवरी के लिए इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस काफी सहायक होता है.
अगर आप रात में सोने जा रहे हैं तो उस समय फल खाने से बचें क्योंकि शुगर आपको जगाए रख सकती है. अगर आपको जागना है, तो रात में भी आप कुछ फल खा सकते हैं!
अगर आप प्रिडायबिटीक, डायबिटीक हैं या एसिडिक फूड के प्रति संवेदनशील हैं, तो खाली पेट फल खाने पर आपको सावधान रहना चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 18 Mar 2021,12:53 PM IST