देश में कई ब्रांड के शहद में मिलावट होने की रिपोर्ट सामने आई है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) के मुताबिक कई कंपनियों के शहद में शुगर सिरप की मिलावट की जा रही है.

CSE ने 13 कंपनियों के शहद के सैंपल टेस्ट किए, जिनमें से 77 प्रतिशत में मिलावट पाई गई.

शहद के सैंपल्स को जर्मनी के लैब में न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (NMR) टेस्टिंग के लिए भेजा गया और सभी ब्रांड्स फेल हुए. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक इसमें डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडू, हितकारी और एपिस हिमालया जैसे ब्रांड्स शामिल हैं. 13 ब्रांड्स में से केवल 3 ब्रांड्स सफोला, मार्कफेड सोहना और नेचर्स नेक्टर पास हुए.

CSE की डायरेक्टर जनरल सुनीता नारायण के मुताबिक शहद की शुद्धता की जांच के लिए भारतीय मानकों के जरिए इस मिलावट को नहीं पकड़ा जा सकता है.

वहीं डाबर और पतंजलि ने CSE के दावों को गलत बताते हुए कहा कि वे प्राकृतिक तरीके से शहद जुटाती हैं.

पिछले साल FSSAI ने बताया था कि देश में आयात किए जा रहे गोल्डन सिरप, इनवर्ट शुगर सिरप और राइस सिरप का इस्तेमाल शहद में मिलावट के लिए किया जा रहा है.

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फिट ने न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन से शहद में मिलावट का पता करने के तरीकों के बारे में पूछा. वो बताती हैं:

  • ब्रांड की बजाए शहद के लिए ऐसे सोर्स का चुनाव करें, जिस पर भरोसा कर सकते हैं.
  • अपनी हथेली पर थोड़ा शहद रखें. अगर वह बहती है, तो संभावना है कि उसमें मिलावट की गई है.
अगर शहद पानी में फैल जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें चीनी की मिलावट है(फोटो: snfportal.in)
  • एक चम्मच शहद पानी में डालें. अगर वो घुल जाता है तो शहद शुद्ध नहीं है. शुद्ध शहद नीचे चला जाएगा.
  • एक पैन में गर्म करने पर अशुद्ध शहद में बुलबुले उठते हैं.

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Published: 03 Dec 2020,05:02 PM IST

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