एक नियमित और अच्छी लाइफस्टाइल यानी जीवनशैली शरीर को मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाती है, जबकि अनियमित जीवनशैली के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
अनियमित जीवनशैली से मतलब है- सोने, जागने और दिन और रात में भोजन करने का अनियमित समय. इनमें से किसी भी अनियमित जीवनशैली के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. हालांकि इनमें से कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का जल्द पता चल जाने पर उनका प्रबंधन किया जा सकता है.
शरीर का प्राकृतिक सोने-जागने का चक्र, जो सर्कैडियन रिदम के नाम से जाना जाता है, का सूर्योदय, दिन के उजाले, सूर्यास्त और रात के समय जैसी प्राकृतिक घटनाओं से गहरा संबंध है.
मानव शरीर ने दिन के दौरान कुछ काम करना सीखा है और रात के दौरान कुछ अन्य कार्यों का करना सीखा है. हालांकि, अब हमारी दैनिक दिनचर्या इसके साथ समन्वय स्थापित नहीं कर पाती है.
इसके कारण, दुनिया भर में, विशेष रूप से शहरी आबादी में खतरनाक स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो रही हैं.
हम में से कई लोग इन बेहद सामान्य परिस्थितियों से पीड़ित हो सकते हैं. हालांकि, हम में से अधिकांश लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि अपनी जीवनशैली में सुधार कर हम इन स्थितियों को मैनेज कर सकते हैं या इन्हें पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं.
इसी तरह, व्यायाम से कोलेस्ट्रॉल लेवल में पर्याप्त कमी नहीं हो सकती है, अगर यह सुबह जल्दी जागने और निश्चित भोजन के बीच समन्वय के साथ नहीं किया जाता है.
हमें रोजाना एक निश्चित समय पर भोजन करना चाहिए. न केवल भोजन के समय को उनके 'सही' समय पर तय करने की आवश्यकता होती है, बल्कि भोजन करने और सोने के समय के साथ भी समन्वय करने की आवश्यकता होती है, जो कि वयस्कों के मामले में रात के 10 बजे (उदाहरण के लिए) के आसपास होता है.
ऐसा करने पर कई बीमारियों से छुटकारा पाने या उन्हें अच्छी तरह से मैनेज करने की हमारी संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
इसी तरह, नींद के घंटों (लगभग आठ घंटे) का ध्यान रखना, लेकिन एक निश्चित नींद पैटर्न का पालन नहीं करना या सुबह के शुरुआती घंटों में आठ घंटे की नींद लेना कुछ कम घंटों की नींद की तुलना में अधिक हानिकारक हो सकता है.
इसी तरह, नियमित जीवनशैली का पालन करके दवाओं के प्रभाव में भी सुधार किया जा सकता है. ऐसे कई नए सबूत उपलब्ध हैं, जो यह सुझाव देते हैं कि दवाओं का शरीर द्वारा सबसे अच्छा उपयोग किए जाने और उनके सेवन के लिए सलाह दिए गए समय पर ध्यान देने पर दवाओं के प्रभाव में आश्चर्यजनक रूप से सुधार किया जा सकता है.
हम सभी नियमित जीवनशैली के लाभों के बारे में जानते हैं‚ फिर भी हम सभी के पास नियमित जीवनशैली अपनाने का विकल्प नहीं है.
हमारी नौकरियों के लिए हमें पूरी रात जागना पड़ सकता है और दिन के दौरान सोना पड़ सकता है या ऑफिस जाने के लिए हमें सुबह जल्दी घर से निकलना पड़ सकता है और देर रात तक ही घर वापस आ सकते हैं.
इन मामलों में, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करना चाहिए कि हमें काम के बाद घर जाने में होने वाली देरी से बचने के लिए कुशलता से अपने समय का उपयोग करना चाहिए
अगर कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या विकसित होती है, जिसमें इलाज से भी उम्मीद के अनुसार लाभ नहीं हो रहा है, तो कुछ समय के लिए काम से छुट्टी लेने या अलग नौकरी की तलाश करने जैसे कठोर उपायों पर भी विचार किया जाना चाहिए.
आखिरकार, स्वास्थ्य से महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है, और हम पेशेवर रूप से तभी सफल हो सकते हैं, जब हमारे पास स्वस्थ दिमाग और शरीर होगा.
अनियमित जीवनशैली का शिकार होने वाले सबसे कमजोर समूहों में छात्रों की आबादी शामिल है. भारत में, विशेष रूप से, हम पाते हैं कि 8 या 9 साल के बच्चे देर रात तक जागते हैं. कभी-कभी यह पढ़ाई के कारण होता है तो कभी यह परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताने के कारण होता है, जो काम से देर से लौटते हैं.
इस प्रवृत्ति को बदलने के महत्व पर पर्याप्त जोर नहीं दिया जा रहा है. इसके कारण डॉक्टरों को आज 25 साल या उससे कम उम्र के लोगों में भी हृदय की बीमारी का पता चल रहा है और इसका कारण इस तरह की जीवनशैली है, जो 8 या 9 साल की उम्र से ही शुरू हो जाती है. आश्चर्य की बात तो यह है कि माता-पिता भी कभी-कभी ऐसी जीवनशैली के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं.
घर का वातावरण ऐसा होना चाहिए जिसमें जल्द सोने, नियमित व्यायाम और निश्चित समय पर भोजन करने के पैटर्न का पालन किया जाता हो.
बच्चों को यह महसूस नहीं होने देना चाहिए कि जल्द और निश्चित समय पर सोने पर वे शिथिल हो जाएंगे. वास्तव में, ये प्रथाएं अब स्मृति को बढ़ाने, याददाश्त और एकाग्रता में सुधार करने के लिए जानी जाती हैं, जिससे संभावित रूप से शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार होता है.
एक नियमित अनुशासित जीवनशैली की शक्ति को कम मत समझें. हम सभी को इसके मूल्य और इसके लाभों की सराहना करना सीखना चाहिए और उनकी भी सराहना करनी चाहिए, जो इनका ध्यान रखते हैं.
(डॉ कुशल बनर्जी दिल्ली के डॉ कल्याण बनर्जी क्लीनिक में कंसल्टेंट होम्योपैथ हैं.)
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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