एक नई स्टडी में कहा गया है कि गुर्दे यानी किडनी की पथरी वाले लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डी फ्रैक्चर होने का रिस्क हो सकता है.

ये स्टडी जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च में पब्लिश की गई है.

इसमें पाया गया कि किडनी स्टोन वाले लगभग एक-चौथाई मरीजों में किडनी स्टोन का पता चलने के दौरान ही ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डी फ्रैक्चर होने का पता चला.

रिसर्चर्स ने 2007 से लेकर 2015 के बीच 5,31,431 पथरी के मरीजों पर स्टडी की.

स्टडी में पाया गया कि 23.6 फीसदी मरीजों में पथरी का पता चलने के दौरान ऑस्टियोपोरोसिस या फ्रैक्चर का भी पता चला. ये ऐसे मरीज थे, जिनमें पहले कभी हडि्डयों में कमजोरी नहीं देखी गई थी.

रिसर्चर्स ने कहा कि पथरी के इलाज के समय और बाद में बोन डेंसिटी टेस्ट जरूरी है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि हडि्डयां कमजोर हैं या नहीं. खासकर अधेड़ उम्र और बुजुर्गों के लिए यह टेस्ट जरूर कराना चाहिए क्योंकि बढ़ती उम्र में कैल्शियम और भी तेजी से घटता है.

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हमारी खाने की गलत आदतें, मोटापा जैसी वजहें, पानी का सेवन कम करना, कम शारीरिक गतिविधि, हाई प्रोसेस्ड फूड, कैफीन का सेवन और फूड में बड़ी मात्रा में एनिमल प्रोटीन लेना अक्सर मुख्य कारण होते हैं, जो पथरी के बनने के जोखिम को बढ़ाते हैं.

इसलिए जीवनशैली में ऐसे बदलाव किए जाने चाहिए, जो पथरी के बनने को रोकने में मदद करते हैं.

वहीं हड्डियों की मजबूती के लिए एक्सपर्ट्स पर्याप्त कैल्शियम वाली डाइट लेने, रेगुलर एक्सरसाइज, स्मोकिंग न करने, एल्कोहल न पीने और हेल्दी व एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह देते हैं.

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Published: 10 Mar 2021,05:52 PM IST

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