गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी रविवार, 14 फरवरी को वडोदरा के निजामपुरा में निकाय चुनावों के प्रचार के दौरान चक्कर खाकर गिर गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक लो ब्लड प्रेशर के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी थी.
गुजरात के सीएम के सोशल मीडिया अकाउंट पर सभा का वीडियो शेयर किया गया है, जिसके आखिर में रूपाणी को गिरते देखा जा सकता है.
प्रदेश भाजपा के मीडिया संयोजक के एक बयान में कहा गया,
ब्लड प्रेशर लो होने से क्या-क्या हो सकता है? ब्लड प्रेशर कम होने के क्या लक्षण हैं? ब्लड प्रेशर कम होने की वजह क्या होती है? यहां इन्हीं सवालों का जवाब जानते हैं.
लो ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है. ये ऐसी अवस्था है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव असामान्य रूप से कम हो जाता है.
एक युवा, स्वस्थ वयस्क के लिए आदर्श ब्लड प्रेशर 90/60 और 120/80 के बीच माना जाता है. 90/60 या इससे कम रीडिंग आना, लो ब्लड प्रेशर बताता है.
ये जरूरी नहीं है कि लो ब्लड प्रेशर (हाइपोटेंशन) के कारण हमेशा कोई लक्षण नजर आएं. अगर किसी का ब्लड प्रेशर लो है और कोई लक्षण नहीं हैं, तो इसे चिंता की बात नहीं मानी जाती है.
इसमें कोई चक्कर आना, सिर हल्का सा महसूस होना और यहां तक कि बेहोशी, प्यास बढ़ना, सांस लेने में परेशानी, थकान, सीने में दर्द और मिचली जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं.
अगर इससे सही समय पर न निपटा जाए तो लो ब्लड प्रेशर या हाइपोटेंशन चिंता का विषय भी बन सकता है.
लगातार बैठे रहने के बाद अचानक खड़े होने के दौरान क्या आपको कभी सिर घूमना या धुंधला दिखाई पड़ने जैसा अनुभव हुआ है?
अगर आप पोजिशन बदलने (उदाहरण के लिए, खड़े होना) के बाद बाद हाइपोटेंशन के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो इसे पोस्टुरल - या ऑर्थोस्टेटिक- हाइपोटेंशन कहा जाता है.
आमतौर पर ये लक्षण कुछ मिनटों तक रहते हैं.
अगर आप खाने के बाद इसके लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो इसे पोस्टप्रैंडियल हाइपोटेंशन कहा जाता है.
दिन भर में, ब्लड प्रेशर 30-40 mmHg (सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों) के बीच घट-बढ़ सकता है. ये इस पर निर्भर करता है कि हम काम क्या कर रहे हैं, कितना तनाव है, तापमान क्या है और यहां तक कि खाने में क्या खाया है.
फिट के इस आर्टिकल में अपोलो हॉस्पिटल में इंटर्नल मेडिसिन के डॉ तरुण साहनी के मुताबिक किसी-किसी का ब्लड प्रेशर जेनेटिक वजहों से लो रहता है, जरूरी नहीं है कि उससे कोई नुकसान हो. लेकिन अगर यही उन लोगों के साथ हो, जिनका आमतौर पर ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है तो ये परेशानी वाली बात हो सकती है.
बीपी की जांच से लो ब्लड प्रेशर का आसानी से पता चल सकता है, हालांकि ब्लड प्रेशर कम होने की वजह पता करना ज्यादा मुश्किल हो सकता है.
अगर किसी दवा के कारण ब्लड प्रेशर कम होने का शक होगा, तो दवा बदलने या डोज में बदलाव की सलाह दी जा सकती है.
अगर किसी डिसऑर्डर का पता चलता है, तो उसका ट्रीटमेंट किया जाएगा.
हाइपोटेंशन के लक्षणों का उपचार आमतौर पर लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव करके किया जाता है.
कुछ बातों का ख्याल रखने की जरूरत है, जैसे कि पर्याप्त मात्रा में नमक, फ्लूइड इनटेक और डॉक्टर की सलाह का पालन करना. लो ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए डॉक्टर्स ये सुझाव देते हैं:
अपनी डाइट में ताजे फल और सब्जियों को शामिल करना बहुत जरूरी है. ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट को रोकने के लिए छोटे-छोटे हिस्सों में कई बार खाना खाएं. इससे पोस्टप्रैंडियल हाइपोटेंशन से बचा जा सकता है.
सुनिश्चित करें कि आपकी डाइट से विटामिन B-12, फोलिक एसिड (स्रोत- दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, मांस, अंडा) और आयरन की जरूरत पूरी हो क्योंकि इनकी कमी से एनिमिया होता है, जब शरीर पर्याप्त ब्लड नहीं बना पाता. एनिमिया से भी ब्लड प्रेशर घट सकता है.
हां, आपने इसे सही सुना. नमक में सोडियम की मात्रा आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में मदद कर सकती है. तो, बस अपने डॉक्टर से खाने की उन चीजों के बारे में सलाह लें, जिन्हें आहार में शामिल और बाहर करना चाहिए, और सही मात्रा में नमक का सेवन करें.
अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पी रहे हैं, तो आप बहुत गलत कर रहे हैं. डिहाइड्रेशन से ब्लड प्रेशर लो हो सकता है. इसलिए, फ्लूइड इनटेक बढ़ाएं.
अगर आपको कमजोर हार्ट या किडनी की कोई बीमारी नहीं है, तो रोजाना लगभग तीन लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है.
शराब से डिहाइड्रेशन हो सकता है और दूसरी समस्या के साथ ये ब्लड प्रेशर कम होने की वजह बन सकता है.
हल्के व्यायाम करें, जो आपके शरीर को तनाव न दें और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाएं. टहलना या योगासन करना भी अच्छा रहेगा.
(इनपुट- नेशनल हेल्थ सर्विस, स्कॉटलैंड और IANS)
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए फिट आपको डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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Published: 15 Feb 2021,05:22 PM IST