जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उन्हें फेफड़ों के कैंसर का रिस्क ज्यादा होता है, हालांकि उन लोगों में भी लंग कैंसर के मामले बढ़े हैं, जिन्होंने कभी स्मोकिंग नहीं की.

वहीं प्रदूषित हवा ने कितनी ही बीमारियों का रिस्क बढ़ा दिया है, जिनमें से एक फेफड़ों का कैंसर भी है. प्रदूषित हवा में रहने से हमारे फेफड़ों का क्या हाल होता है, इसके बारे में गंगाराम हॉस्पिटल में लंग सर्जन और लंग केयर फाउंडेशन के फाउंडर डॉ अरविंद कुमार इस वीडियो में बताते हैं.

वो समझाते हैं कि कैंसरकारकों से कैंसर होने में 25-30 साल लग जाते हैं. पहले लोग करीब 20 साल की उम्र से स्मोकिंग शुरू करते थे और 50 से 60 की उम्र में लंग कैंसर से पीड़ित होते थे.

प्रदूषित हवा में वही खतरनाक प्रदूषक मौजूद होते हैं, जो सिगरेट के धुएं में होते हैं, जिससे अब हमारा एक्सपोजर जन्म के साथ ही हो रहा है, तो 25 या 30 की उम्र तक में ही लंग कैंसर का रिस्क बढ़ गया है.
डॉ अरविंद कुमार, लंग सर्जन और लंग केयर फाउंडेशन के फाउंडर

लंग कैंसर के शुरुआती संकेत

फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम में थोरैसिक सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ नरेंद्र अग्रवाल कहते हैं कि जरूरी नहीं है लंग कैंसर के शुरुआती स्टेज में कोई ध्यान देने वाले लक्षण सामने आएं, लेकिन वो कुछ लक्षणों के बारे में बताते हैं, जिसमें जांच जरूर करा लेनी चाहिए.

डॉक्टर कुछ लक्षणों के बारे में बताते हैं, जिसमें जांच जरूर करा लेनी चाहिए(फोटो: iStock)
खांसी जो 1-2 हफ्ते बाद भी कम न हो रही हो, खांसी के दौरान खून निकल रहा हो, असामान्य मात्रा में कफ निकले और आवाज में बदलाव हुआ हो, सांस फूलना और ब्रीदिंग पैटर्न में बदलाव, कभी-कभी सीने में दर्द होना शुरू हो जाए, असामान्य और खींचते हुए दर्द हो, इससे शंका होती है.
डॉ नरेंद्र अग्रवाल

डॉ नरेंद्र अग्रवाल बताते हैं, "इसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि अगर 6 महीने के अंदर बिना वजह शरीर के वजन का 10 प्रतिशत से ज्यादा वेट लॉस हो रहा है, ये लक्षण लंग से जुड़े हो सकते हैं."

ब्रिटिश जर्नल ऑफ जनरल प्रैक्टिस में आई एक स्टडी में पाया गया था कि सांस में तकलीफ और खांसी लंग कैंसर की डायग्नोसिस में सबसे पहले सामने आने वाले सामान्य लक्षण हो सकते हैं. इस स्टडी में साल 2000 से 2017 के बीच उन 27,795 लोगों के रिकॉर्ड को देखा गया था, जिन्हें लंग कैंसर हुआ था.

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फेफड़े का कैंसर: इन लक्षणों पर गौर करें

बी.एल.के सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के सेंटर फॉर चेस्ट एंड रेस्पिरेटरी डिजीज के सीनियर डायरेक्टर और हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ संदीप नायर लंग कैंसर के लक्षणों के बारे में बताते हैं:

• 2 या 3 हफ्ते तक खांसी आना जिसकी वजह स्पष्ट न हो

• नियमित ट्रीटमेंट के बावजूद खांसी बढ़ती जा रही हो

• छाती में बार-बार संक्रमण

• बलगम में खून / खांसी के वक्त खून आना

• सीने में लगातार दर्द जो सांस लेने या खांसने पर बढ़ जाता हो

• सांस फूलना की समस्या बने रहना

• लगातार थकान या ऊर्जा की कमी

• भूख न लगना या वजन कम होना, जिसकी वजह स्पष्ट न हो

• निगलने पर कठिनाई या दर्द

• सांस लेने के दौरान घरघराहट यानी सीटी जैसी आवाज निकलना

• आवाज में कर्कशता

• चेहरे या गर्दन पर सूजन

(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए फिट आपको डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देता है.)

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Published: 02 Nov 2020,06:41 PM IST

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