उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में 12,000 से ज्यादा लोग वायरल बुखार से पीड़ित हैं. यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दी है.
रुके हुए पानी को बाहर निकालने और वेक्टर जनित बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए व्यापक फॉगिंग और घर-घर सर्वे के बावजूद मौतों का सिलसिला जारी है.
रविवार, 12 सितंबर को इलाज के अभाव में अपने पांच साल के बेटे को खो देने वाले दिहाड़ी मजदूर वीर पाल ने बताया कि शहर के एक निजी अस्पताल ने इलाज शुरू करने के लिए 30,000 रुपये एडवांस में मांगे थे.
फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) हंसराज सिंह ने कहा कि इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत नहीं की गई है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) दिनेश कुमार प्रेमी ने कहा कि जिले में 64 सक्रिय शिविर हैं और बुखार वाले लोगों सहित 4,800 लोगों का वहां इलाज चल रहा है.
मलेरिया, स्क्रब टाइफस- लार्वा माइट्स द्वारा फैलने वाली एक बैक्टीरियल बीमारी, लेप्टोस्पायरोसिस, संक्रमित जानवरों के मूत्र से फैलने वाली एक अन्य बैक्टीरियल बीमारी के कुछ मामले भी सामने आए हैं.
डायरिया भी बच्चों के लिए खतरा बनकर उभरा है.
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक ए.के. सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की 100 से ज्यादा टीमें मरीजों की पहचान करने और उन्हें दवाएं और जरूरी मदद के लिए घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं.
उन्होंने कहा, "सरकारी केंद्रों पर प्लेटलेट्स या आवश्यक दवाओं की कोई कमी नहीं है. मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए अतिरिक्त एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है."
सिंह ने कहा, "नागरिक निकाय की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान चला रही हैं और हाल ही में हुई सभी मौतों की जांच की जा रही है."
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