केरल में 5 सितंबर 2021 को निपाह वायरस से बीमार (Nipah Virus Disease) एक 12 साल के बच्चे की मौत हो गई. लड़का कोझीकोड का था और हाल ही में COVID-19 से ठीक हुआ था और बुखार कम नहीं होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया था.
उसे कथित तौर पर कोझीकोड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था और बाद में 1 सितंबर को निजी अस्पताल ट्रांसफर कर दिया गया था.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों और अन्य विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की है, जो बीमारी और आसपास के क्षेत्र पर विस्तृत अध्ययन करेगी.
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि इससे घबराने की नहीं बल्कि अलर्ट रहने की जरूरत है, सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त कर दी है. लड़के के शरीर से लिए गए तरल पदार्थ के तीन सैंपल पुणे के नेशनल वायरोलॉजी लैब से पॉजिटिव पाए गए.
हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक निपाह से जान गंवाने वाले बच्चे के संपर्क में आए दो स्वास्थ्य कर्मियों में भी इसके लक्षण हैं.
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि एक हेल्थ वर्कर कोझिकोड गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से और दूसरा हेल्थ वर्कर उस प्राइवेट हॉस्पिटल से है, जहां बच्चे का इलाज किया गया था.
सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग ने मृतक लड़के के पांच करीबी रिश्तेदारों और उसके साथ बातचीत करने वाले 12 अन्य लोगों को निगरानी में रखा है.
स्वास्थ्य मंत्री ने शनिवार रात डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक बुलाई और कोझीकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक विशेष निपाह वार्ड की व्यवस्था की गई है.
इससे पहले भी 2018 में केरल के कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में निपाह का प्रकोप हुआ था. 2 मई, 2018 को, निपाह वायरस पहली बार कोझीकोड जिले के पेरम्बरा अस्पताल में एक व्यक्ति में पाया गया था, जिसे बाद में कोझीकोड मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर कर दिया गया था, जहां उनका निधन हो गया था.
केरल के कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस का पता लगाने और उसके बाद हुई मौतों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के निपाह ड्रग्स ट्रायल ग्रुप को फिर से शुरू किया है, जिसका नेतृत्व डॉ. सौम्या स्वामीनाथन कर रही हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)
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Published: 06 Sep 2021,12:45 PM IST