चीन के वुहान शहर से फैला नोवेल कोरोनावायरस दुनिया के 65 से ज्यादा देशों में दस्तक दे चुका है. चीन के अलावा दक्षिण कोरिया, इटली, ईरान और जापान से नए कोरोनावायरस के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

भारत में भी नए कोरोनावायरस के पांच मामले सामने आ चुके हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के मुताबिक एहतियातन चीन, थाइलैंड, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, नेपाल, मलेशिया, इंडोनेशिया, इरान और इटली से आने वालों की स्क्रीनिंग की जा रही है.

  • कोरोनावायरस से जुड़ी हेल्पलाइन नंबर: +91-11-23978046

  • कोरोनावायरस से जुड़ी ई-मेल आईडी: ncov2019@gmail.com

नोवेल कोरोनावायरस से दुनिया भर में 89 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और इस वायरस ने 3 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है.

दुनियाभर में नोवेल कोरोनावायरस के मामले

सबसे ज्यादा संक्रमण और मौत के मामले चीन (80 हजार से ज्यादा मामले और 2,912 की मौत), दक्षिण कोरिया (4 हजार से ज्यादा मामले और 22 की मौत), इटली (1,694 मामले और 34 की मौत), ईरान (978 मामले और 54 लोगों की मौत) और जापान में सामने आए हैं.

(कार्ड: फिट/श्रुति माथुर)

कोरोनावायरस के कारण किन देशों में कितने मामले और कितनी मौतें?

(कार्ड: फिट/इरम गौर)
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नोवेल कोरोनावायरस से संक्रमण के लक्षण

ऐसा पाया गया है कि नए कोरोनावायरस वायरस से संक्रमण के 2 से 10 दिनों बाद लोग बीमार पड़े या उनमें बुखार जैसे लक्षण नजर आए.

  • वैज्ञानिकों ने नोवेल कोरोनावायरस से जुड़े लक्षणों के पैटर्न की पहचान की है और इसका सबसे आम लक्षण बुखार है.
  • इसके दूसरे लक्षणों में थकान, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ शामिल है.
  • कुछ रोगियों में सामान्य सर्दी या फ्लू से जुड़े लक्षणों जैसे गले में खरास भी देखा गया है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक ऐसा भी हो सकता है कि कुछ लोग इस नए कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद भी बीमार न पड़ें और उनमें कोई लक्षण सामने न आए.

कोरोनावायरस से बचने के लिए क्या करें?

कोरोनावायरस डिजीज 2019 से बचने के लिए हाथ और रेस्पिरेटरी हाइजीन बनाए रखने, खांसी, छींक और सांस से जुड़ी दूसरी बीमारियों के लक्षण वाले मरीजों के निकट संपर्क से बचने और जिन जगहों पर इसके मामले सामने आ रहे हैं, वहां की यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है.

वहीं बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई होने पर आपको चिकित्सीय सहायता लेनी चाहिए ताकि किसी गंभीर संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके.

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Published: 02 Mar 2020,07:46 PM IST

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