दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल (Lok Nayak Jai Prakash Hospital) में दिवाली के बाद प्रदूषण (Pollution) के कारण सांस की समस्या से जूझ रहे मरीजों की संख्या में 8 से 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई है.

अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने रविवार, 14 नवंबर को न्यूज एजेंसी IANS से बताया कहा कि उनके पास हर रोज 10-12 मरीज सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल आते हैं.

दिवाली के बाद वायु प्रदूषण एक प्रमुख समस्या बन गया है. बुजुर्ग लोग और बच्चे प्रदूषण के ज्यादा शिकार हैं. लंबे समय तक अधिक पीएम 2.5 के स्तर के संपर्क में रहने से फेफड़ों की कार्य करने की क्षमता कमजोर हो जाती है.
डॉ. सुरेश कुमार, मेडिकल डायरेक्टर, लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल, दिल्ली

दिल्ली में रविवार 14 नवंबर को हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ और यह शनिवार 13 नवंबर के 'गंभीर' से 'बेहद खराब श्रेणी' में पहुंच गई.

एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के पूवार्नुमान के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स कम से कम मंगलवार 16 नवंबर तक बहुत खराब श्रेणी में बना रहेगा.

प्रदूषण के कारण सांस और अन्य समस्याओं के बारे में डॉ. कुमार ने कहा कि उनके पास 120 रोगियों की क्षमता है, लेकिन दिवाली के बाद प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के प्रकोप के कारण, उन्हें अस्पताल में हर दिन लगभग 140 रोगी मिल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इमरजेंसी और ओपीडी वार्ड में कुल 140 मरीज आ रहे हैं, जिनमें सभी तरह की समस्याएं हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर सांस और ऑक्सीजन लेवल में कमी से पीड़ित हैं. इसमें बच्चों में अस्थमा के मामलों की बढ़ती संख्या भी शामिल है.

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निवारक उपायों के बारे में, उन्होंने कहा कि केवल दो चीजें - मास्क का उपयोग और बाहर कदम रखने से बचना, प्रदूषण के ऐसे बढ़ते स्तर से लोगों की रक्षा कर सकता है.

उन्होंने कहा कि इस समय पीएम 2.5 कणों के हाई लेवल से फेफड़ों में संक्रमण, आंखों में जलन और सांस की समस्या हो सकती है.

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