COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर डटे हमारे मेडिकल स्टाफ के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट या PPE जरूरी ढाल बन गए हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स में आई इन्वेस्ट इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सप्लाई के मोर्चे पर बहुत पीछे है. भारत के पास वास्तव में कितने मास्क, PPE और वेंटिलेटर हैं, इस पर बार-बार पूछे गए सवालों के जवाब में, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आखिरकार कुछ आंकड़े दिए हैं.
यह आंकड़े इन्वेस्ट इंडिया की इस रिपोर्ट के बाद सामने आए हैं कि भारत को 3.8 करोड़ मास्क और PPE के 62 लाख पीस चाहिए. मौजूदा समय में देश में 90 लाख मास्क और PPE के 8 लाख पीस उपलब्ध हैं.
इस दस्तावेज में सिर्फ 7 राज्यों को शामिल किया गया था, इसलिए पूरे देश के लिए जरूरत और ज्यादा होगी.
बात जब हमारे अग्रिम मोर्चे पर डटे मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा की आती है तो भारत इस स्थिति में खड़ा दिखाई देता है:
मौजूदा उपलब्धता
3.34 लाख PPE उपलब्ध हैं
60,000 की खरीद की गई है
10,000 PPE चीन से रेडक्रॉस के मार्फत आए हैं
3 लाख PPE 4 अप्रैल तक भारत पहुंच जाएंगे
कितनी बढ़ोतरी होने वाली है:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि PPE पहले भारत में नहीं बनाए जाते थे. कपड़ा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के दखल के बाद 12 निर्माताओं ने क्वालिटी टेस्ट पास कर लिया है. उनको 26 लाख PPE कवरऑल के ऑर्डर दे दिए गए हैं. मौजूदा समय में, वे एक दिन में 6-7 हजार कवरऑल की सप्लाई करने में सक्षम हैं, जिसे आने वाले हफ्ते में रोजाना 15 हजार तक बढ़ाया जाएगा. 3 लाख PPE के लिए ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज को ऑर्डर दिया गया है.
इसके साथ ही, विदेश मंत्रालय ने PPE के लिए कई विदेशी निर्माताओं से संपर्क किया है. सिंगापुर की एक कंपनी 10,000 PPE किट की सप्लाई करेगी और एक कोरियाई कंपनी 20 लाख PPE की सप्लाई करेगी.
आवश्यकता: 62 लाख PPE (7 राज्यों की जरूरतों पर आधारित)
मौजूदा उपलब्धता:
11.95 लाख मास्क उपलब्ध
6.4 लाख अतिरिक्त मास्क वितरित किए गए
कितनी बढ़ोतरी होने वाली है:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि 2 घरेलू निर्माता इन मास्क का उत्पादन कर रहे हैं. वे रोजाना 50,000 मास्क की सप्लाई कर रहे हैं और अगले हफ्ते तक 1 लाख मास्क उपलब्ध कराने लगेंगे. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) रोजाना 20,000 N99 मास्क के उत्पादन के लिए स्थानीय निर्माताओं के साथ मिलकर काम कर रहा है. 10 लाख मास्क सिंगापुर के जरिये खरीदे गए PPE किट का हिस्सा होंगे.
आवश्यकता: 3.8 करोड़ मास्क (7 राज्यों की जरूरत के आधार पर मेडिकल और एन 95 मास्क)
सरकार COVID-19 के मरीजों के लिए अस्पतालों की स्थापना के साथ, और महामारी में बढ़ोतरी होने पर निजी अस्पतालों में भी अलग आइसोलेशन वार्ड बना रही है, फिर भी जरूरत बहुत ज्यादा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि आइसोलेशन एरिया और इन्टेन्सिव केयर यूनिट में काम करने वालों द्वारा संक्रमण से बचने के लिए फुल PPE किट का इस्तेमाल किया जा रहा है.
अग्रणी मोर्चे के सभी मेडिकल स्टाफ को वायरस से सुरक्षा की जरूरत है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा के स्तर अलग होते हैं.
रिपोर्ट के आधार पर और क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट से बातचीत के आधार पर फिट यहां बता रहा है कि मानदंड कैसे तय किए जाते हैं:
गुरुग्राम में आर्टेमिस हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ सुमित रे कहते हैं कि ज्यादातर अस्पतालों ने ओपीडी को रोक दिया है. एक मरीज ER (इमरजेंसी रूम) क्षेत्र से दाखिल होता है. ER में आने से पहले, उन्हें एक स्क्रीनिंग डेस्क से गुजरना होता है.
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Published: 31 Mar 2020,01:04 PM IST