वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साल 2021-22 का बजट पेश करते हुए एक नई केंद्रीय प्रायोजित योजना, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का ऐलान किया है. इसके लिए 64,180 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसे अगले 6 साल में खर्च किए जाने हैं.
इस योजना के तहत प्राइमरी, सेकेंडरी, टर्शियरी केयर हेल्थ सिस्टम और मौजूदा राष्ट्रीय संस्थाओं को सुदृढ़ किया जाना है. इसके अलावा ये नई और सामने आने वाली बीमारियों की पहचान करने और उनका इलाज करने के लिए नई संस्था बनाएगी.
पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत मुख्य रूप से क्या किया जाना है, यहां जानिए
17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी हेल्थ और वेलनेस सेंटर के लिए सपोर्ट
11 राज्यों में सभी जिलों में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब और 3382 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट स्थापित करना
602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक स्थापित करना
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), इसकी पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को सुदृढ़ करना
इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल का सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में विस्तार ताकि सभी पब्लिक हेल्थ लैब को जोड़ा जा सके
17 नई पब्लिक हेल्थ यूनिट को चालू करना और 33 मौजूदा पब्लिक हेल्थ यूनिट को प्रवेश बिंदुओं पर सुदृढ़ करना जो 32 विमानपत्तनों, 11 बन्दरगाहों और 7 लैंड क्रॉसिंग्स पर हैं
15 स्वास्थ्य आपातकालीन ऑपरेशन केंद्रों और 2 मोबाइल अस्पतालों की स्थापना करना
वन हेल्थ, जो WHO दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म है, के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान, 9 बायो-सेफ्टी लेवल 3 प्रयोगशालाओं और 4 रीजनल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की स्थापना करना.
स्वास्थ्य विशेषतज्ञों के मुताबिक इस योजना के तहत जो पहल प्रस्तावित हैं, वे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं.
अपोलो टेलीहेल्थ के CEO विक्रम थपलू के मुताबिक इस साल के बजट में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत 17 हजार ग्रामीण और 11 हजार शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की प्रस्तावित पहल पेशेंट की बेहतर देखभाल के मद्देनजर एक सपोर्टिव कदम है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 01 Feb 2021,04:09 PM IST