उत्तर प्रदेश में जीका वायरस संक्रमण का पहला मरीज कानपुर में मिला है.

दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम कानपुर पहुंच गई है और मरीज के संपर्क में आए लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मरीज वायुसेना स्टेशन का कर्मचारी है. उन्हें एयरफोर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लक्षणों के आधार पर अस्पताल प्रबंधन ने कर्मचारी का सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा, जिसकी रिपोर्ट शनिवार 23 अक्टूबर को आई.

वायु सेना वारंट अधिकारी पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे.

जीका वायरस के प्रसार की जांच के लिए दस टीमों का गठन किया गया है.

जीका वायरस संक्रमण के बारे में

कैसे फैलता है जीका वायरस?

यह मुख्य रूप से एडीज प्रजातियों के संक्रमित मच्छर के काटने से होता है. ये वही प्रजाति है, जिसके काटने से डेंगू, चिकनगुनिया होता है.

जीका वायरस रक्त और वीर्य (सीमन) जैसे शारीरिक तरल पदार्थों के जरिए भी ट्रांसमिट हो सकता है.

इससे संक्रमित गर्भवती महिला से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी जीका वायरस संक्रमण हो सकता है.

इसीलिए जिन इलाकों में जीका के मामले रिपोर्ट किए जाते हैं, वहां गर्भवती महिलाओं को खास तौर पर सावधान रहने की सलाह दी जाती है.

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जीका वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

संक्रमण के बाद इसके लक्षण सामने आने में 3-14 दिन लग सकते हैं.

  • बुखार

  • चकत्ते

  • आंखों का लाल होना

  • मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द

  • थकान

इसके लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं.

जीका का इलाज क्‍या है?

इस वायरस को लेकर कोई विशेष इलाज नहीं है. जीका वायरस रोग के लक्षणों से राहत के लिए दर्द और बुखार की दवाइओं दी जाती हैं. डॉक्टर मरीज को आराम करने और भरपूर पानी व तरल पदार्थ लेने की सलाह देते हैं.

जीका वायरस से बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

मच्छरों से बचें. फिलहाल इसके लिए कोई वैक्सीन नहीं है, इसलिए जब तक ये विकसित न हो जाए, तब तक इलाज से ज्यादा बचाव ही सबसे बेहतर उपाय है.

जीका वायरस संक्रमण से क्या संभावित खतरों की आशंका जताई जाती है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक ब्राजील में जीका वायरस के प्रसार में वृद्धि के साथ-साथ असामान्य रूप से छोटे सिर के साथ पैदा होने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस स्थिति को माइक्रोसेफली कहते हैं. इसके अलावा, ब्राजील सहित कई देशों ने इसके साथ एक न्यूरोलॉजिकल विकार Guillain-Barré syndrome के मामलों में वृद्धि की सूचना दी.

गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस संक्रमण जन्मजात मस्तिष्क संबंधी असामान्यताओं का कारण बन सकता है, जिसमें माइक्रोसेफली भी शामिल है और जीका वायरस Guillain-Barré syndrome का जोखिम बढ़ाने से भी जुड़ा हो सकता है.

(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देता है.)

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