हमारे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति धमनियों के जरिए होती है. एथेरोस्क्लेरोसिस एक बीमारी है, जिसमें धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और रक्त में पाए जाने वाले अन्य पदार्थों से ‘प्लाक’ बनने लगता है. इससे दिल की गंभीर बीमारियों, हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी कई बीमारियों का रिस्क बढ़ता है.
अब एक हालिया स्टडी में पाया गया है कि डाइट में विटामिन K से भरपूर खाने की चीजें एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़ी दिल की बीमारियों का रिस्क घटाने में मददगार हो सकती हैं.
ये स्टडी 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' में छपी है.
इसमें शोधकर्ताओं ने लगभग 22 साल की अवधि में डेनिश डाइट कैंसर और हेल्थ स्टडी में भाग लेने वाले 50,000 से अधिक लोगों के डेटा की जांच की.
वसा यानी फैट में घुल सकने वाला विटामिन K दो तरह का होता है, विटामिन K1 जो मुख्य रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है, जबकि विटामिन K2 मांस और फर्मेंटेड चीजों में पाया जाता है.
विटामिन K2 का पर्याप्त सेवन करने वालों में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 14 प्रतिशत कम रहा.
एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़े सभी तरह के हृदय रोग के लिए यह कम जोखिम देखा गया.
इस स्टडी पर मुंबई में एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. तिलक सुवर्णा कहते हैं कि इस अध्ययन में एथेरोस्क्लोरोटिक हार्ट डिजीज के जोखिम और आहार में विटामिन K के सेवन के बीच एक विपरीत संबंध देखा गया, जो सुझाता है कि खाने में विटामिन K का अधिक सेवन हृदय रोग और स्ट्रोक का रिस्क घटाने में मददगार हो सकता है.
न्यू एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता और स्टडी के सीनियर लेखक डॉ. निकोला बॉन्डोनो ने कहा कि स्टडी निष्कर्ष बताते हैं, एथेरोस्क्लेरोसिस और बाद में कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा देने में विटामिन K अहम हो सकता है.
उन्होंने स्पष्ट किया, "हालांकि प्रक्रिया को पूरी तरह से समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है, हमारा मानना है कि विटामिन K शरीर की प्रमुख धमनियों में कैल्शियम जमने से रक्षा करने का काम करता है."
डॉ. तिलक सुवर्णा के मुताबिक प्रणालीगत सूजन (systemic inflammation) और धमनियों में कैल्शियम जमा होना दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाने से जुड़े पाए गए हैं, तो हो सकता है कि विटामिन K इन्हीं प्रक्रियाओं को रोकता हो.
डॉ. सुवर्णा के मुताबिक इस तरह की स्टडीज की सीमाएं होती हैं, लेकिन इसके बावजूद इस परिकल्पना को आगे बढ़ाना सार्थक हो सकता है, विशेष रूप से यह देखने के लिए कि क्या हृदय रोग की प्राथमिक रोकथाम के लिए विटामिन K सप्लीमेंटेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है.
विटामिन K एक आवश्यक विटामिन है, जिसकी जरूरत घाव या चोट को ठीक करने में मदद के लिए खून के सामान्य क्लॉटिंग यानी थक्का बनाने के लिए होती है.
विटामिन K हरी पत्तेदार सब्जियों, मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है. अगर आप इन चीजों के साथ एक संतुलित आहार लेते हैं, तो आप आपको आवश्यक विटामिन K की पूर्ति हो जाती है.
मेयो क्लीनिक के मुताबिक अगर आप खून पतला करने की दवाइयां लेते हैं, तो डाइट में विटामिन K की मात्रा का दवाइयों के काम पर कुछ असर पड़ सकता है. ऐसे लोगों को डॉक्टर डाइट में कुछ बातों का ख्याल रखने की सलाह दे सकते हैं.
विटामिन K की कमी होना दुर्लभ होता है, लेकिन इसकी कमी से ब्लड क्लॉटिंग में समस्या और अनियंत्रित ब्लीडिंग जैसी दिक्कतें हो सकती हैं.
वहीं बिना डॉक्टरी सलाह के किसी को भी विटामिन K सप्लीमेंट (या किसी भी सप्लीमेंट) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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Published: 13 Aug 2021,06:29 PM IST