पसीना आना शरीर की एक आम प्रक्रिया है. गर्मियों में आपको पसीना आता है, इसके अलावा अगर आप एक्सरसाइज कर रहे हों, घबराहट में हों या डरे हुए हों तो भी ये सामान्य बात है. लेकिन गर्मियों के मौसम के अलावा बिना वजह आपको कभी भी, किसी भी तापमान पर पसीना आए तो ये परेशानी बन जाती है. इसे अमूमन अंग्रेजी के टर्म 'कोल्ड स्वेट'(cold sweat) से जाना जाता है.
ये दिक्कत सर्दी के मौसम में भी हो सकती है.
'कोल्ड स्वेट' मेडिकल समस्या के तौर पर तो नहीं, बल्कि 'मेडिकल मिस्ट्री' के तौर पर जाना जाता है.
सामान्य तौर पर, विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि जब आपको पसीना आए, और उससे आप ठंड महसूस करने लगें, उसे 'कोल्ड स्वेट' कहते हैं. ये आमतौर पर आने वाले पसीने से थोड़ा अलग होता है, क्योंकि पसीना आने पर लोग सामान्य महसूस करते हैं. कोल्ड स्वेट असहज महसूस कराता है. हथेलियों, तलवों, बगल(Armpits) में नमी महसूस होती है.
दूसरे शब्दों में, कोल्ड स्वेट समस्या नहीं है, ये समस्या का संकेत या लक्षण है. कोल्ड स्वेट को पहचानने पर शरीर में मौजूद किसी और समस्या को पहचानने में मदद मिल सकती है.
अगर आपको नियमित रूप से कोल्ड स्वेट की दिक्कत पेश आ रही हो और साथ ही साथ आप सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, बेहोशी सा महसूस कर रहे हैं, तो आपको मेडिकल केयर की जरूरत है. क्योंकि कोल्ड स्वेट किसी को भी हो सकता है, लेकिन ये नियमित नहीं होना चाहिए.
इसका कोई खास इलाज नहीं है. इसे दूर करने के लिए, अंतर्निहित कारणों(underlying cause) का इलाज करना चाहिए. उदाहरण के लिए, अगर सांस की तकलीफ से पसीना आ रहा है, तो मरीज को बेहतर सांस लेने में मदद से सहजता महसूस होगी और त्वचा को सूखने में मदद मिलेगी. मेडिटेशन, पर्याप्त पानी पीना फायदेमंद होता है.
अगर आप पहली बार कोल्ड स्वेट महसूस करें तो डॉक्टर से जरूर मिलें.
कोल्ड स्वेट दिल के दौरे के पहले लक्षणों में से एक हो सकता है. अगर आपको अचानक से नीचे बताए गए लक्षणों के साथ कोल्ड स्वेट हो, तो तुरंत इमरजेंसी मेडिकल मदद लें:
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