दुनिया का पहला मलेरिया वैक्सीन अफ्रीकी देश मलावी में मंगलवार 23 अप्रैल, 2019 को लॉन्च कर दिया गया. ये वैक्सीन पांच महीने से 2 साल तक के बच्चों के लिए है.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक वैक्सीन की लॉन्चिंग बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए शुरू किए गए पायलट प्रोग्राम का हिस्सा है.

तीन अफ्रीकी देशों में मलावी पहला देश है, जहां RTS,S  दो साल तक के बच्चों के लिए उपलब्ध कराया गया है. घाना और केन्या आने वाले हफ्तों में बच्चों को मलेरिया के टीके देना शुरू कर देंगे.

इस वैक्सीन का नाम RTS,S है, जिसे तैयार करने में 30 साल लगे हैं और ये बच्चों में मलेरिया के मामलों में कमी लाएगा.

क्लीनिकल ट्रायल में इस वैक्सीन के जरिए मलेरिया के 10 मामलों में से 4 मामलों में बचाव संभव हुआ. इन 10 मामलों में तीन मामले बेहद गंभीर थे.

WHO के डायरेक्टर-जनरल डॉ टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस के मुताबिक मच्छरदानी और दूसरे उपायों से जबरदस्त फायदों के बावजूद पिछले 15 सालों में कई इलाकों में मलेरिया पर नियंत्रण नहीं देखा गया. ऐसे में वैक्सीन एक नए समाधान के रूप में काम कर सकता है, जो संभावित रूप से हजारों बच्चों के जीवन को बचाएगा.

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दुनिया भर में मलेरिया बीमारियों से होने वाली मौत के बड़े कारणों में से एक है. हर साल 4 लाख 35 हजार लोगों की मौत मलेरिया से होती है, जिसमें ज्यादातर बच्चे होते हैं.

हर दो मिनट में एक बच्चे की मौत मलेरिया से होती है.

इनमें से ज्यादातर मौतें अफ्रीका में होती है, जहां इस बीमारी से हर साल 2 लाख 50 हजार बच्चों की मौत होती है.

(इनपुट: WHO)

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