प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए प्राणायाम को रोजाना अभ्यास में शामिल करने की सलाह दी है.
पीएम मोदी ने अनुलोम-विलोम के साथ ही दूसरी प्राणायाम तकनीकों को भी सीखने को कहा.
पीएम ने कहा, "प्राणायाम के अनगिनत प्रकार हैं, योग की ये सभी विधाएं हमारी रेस्पिरेटरी सिस्टम और इम्युन सिस्टम को मजबूत करने में बहुत मदद करती हैं. इसलिए प्राणायाम को अपनी डेली अभ्यास में जरूर शामिल करें."
स्वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्सालय योग एवं अनुसंधान केंद्र के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ अखिलेश अग्रवाल बताते हैं कि प्राणायाम सांस यानी प्राण या प्राणिक ऊर्जा पर नियंत्रण है.
शरीर में मुख्य रूप से 5 तरह की प्राणिक ऊर्जा होती है:
प्राण
अपान
समान
उदान
व्यान
प्राणायाम इन पांचों प्राणिक ऊर्जा और शारीरिक प्रक्रियाओं में संतुलन स्थापित करने का काम करता है.
गहरी सांस लेने से फेफड़ों के फंक्शन में सुधार होता है, प्राणायाम से टॉक्सिक गैसों को बेहतर तरीके से बाहर निकालने में मदद मिलती है.
प्राणायाम से हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे आनंद की अनुभूति होती है, तनाव की प्रतिक्रिया में सुधार होता है.
प्राणायाम से एकाग्रता और याददाश्त अच्छी होती है.
प्राणायाम दिमाग को शांति देता है, इससे ऐसे केमिकल और न्यूरोट्रांसमिटर निकलते हैं, जिससे नींद अच्छी आती है.
सूर्यभेदी, भस्त्रिका जैसे प्राणायाम सुस्ती, आलस, नीरसता से मुक्ति देकर एक्टिव बनाने और ऊर्जा देने में मदद करते हैं.
प्राणायाम और कुछ आसन के अभ्यास से कई साइकोसोमैटिक बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है क्योंकि इन बीमारियों की वजह तनाव और फिजिकल एक्सरसाइज की कमी होती है.
साइकोलॉजिकल स्ट्रेस से हमारा इम्युन सिस्टम कमजोर होता है, जिससे बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है. प्राणायाम का अभ्यास हमारी इम्युनिटी को मजबूती देता है.
डॉ अग्रवाल कहते हैं कि प्राणायाम से हमारा मनोबल और इच्छाशक्ति बढ़ती है, जो किसी भी तरह की लत से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 21 Jun 2020,09:35 AM IST