32 वर्षीय उद्यमी (आन्ट्रप्रनर) पंखुरी श्रीवास्तव की पिछले हफ्ते अचानक कार्डीऐक अरेस्ट से मृत्यु हो गई. इस घटना ने स्टार्टअप जगत में शोक के साथ-साथ हम सभी को भी परेशान कर दिया है.
32 की उम्र में कार्डीऐक अरेस्ट?
इसी तरह अक्टूबर में 44 वर्ष के कन्नडा अभिनेता, पुनीत राजकुमार की मौत ने हमें स्तब्ध छोड़ दिया था.
तो आखिर गलती कहाँ हो रही है? क्यों इतने सारे युवा दिल के दौरे का शिकार हो रहे हैं?
अब यह भी सिद्ध है कि हृदय के रोग सिर्फ लिंग पर भी नहीं निर्भर करते हैं क्योंकि आज कल कई महिलाओं को भी अब हृदय रोग होने लगा है.
यह पता लगाने का समय है कि हम अपने दिल की पर्याप्त देखभाल कर रहे हैं या हम 20 और 30 की उम्र में कार्डियो-टॉक्सिक जीवन शैली जी रहे हैं. स्पष्ट रूप से स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना पहला कदम है. अपने दिल की खातिर अपने जीवन से इन 8 कारकों को बाहर निकालें:
पर्याप्त सब्जी और फल नहीं खाने से हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि फल और सब्ज़ियों में बीमारी वाले फ्री रैडिकल से लड़ने के लिए एंटीऑक्सिडेंट होते हैं.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर दिन कम से कम पांच सर्विंग सब्जियां और दो सर्विंग फल खाना आवश्यक है.
बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस और स्ट्रेस मैनिज्मन्ट स्वस्थ हृदय के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन वर्तमान वर्क-कल्चर का मॉडल जिसका हम पालन करते हैं (असंभव डेडलाइन, 24/7 टारगेट का पीछा करना...) बहुत निराशा और नकारात्मकता का कारण बन जाता है, जो शरीर में एपिनेफ्रीन की मात्रा बढ़ाता है - और हार्ट-अटैक का कारण बन सकता है.
यह पाया गया है कि बीपीए का सेवन अस्थायी रूप से लोगों का ब्लड-प्रेशर बढ़ा सकता है, जो हमारे दिल के लिए अच्छा नहीं है.
यही कारण है कि कैन्ड खाद्य पदार्थों को हार्ट-अटैक से जोड़ा जाता है - सूप, टूना, ग्रेवी, टमाटर उत्पाद आदि - क्योंकि कैनों मे अक्सर बीपीए होते हैं.
ऐसे स्टार्वैशन-प्लान या फैड-डाइट का पालन नहीं करना चाहिए, जो आहार से कोई प्रमुख पोषक तत्व को हटा देता है.
साथ ही तेजी से वजन घटाने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है. ऐसा करने से न केवल भविष्य में वजन बढ़ सकता है, बल्कि यह शरीर को और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से भी वंचित रख सकता है.
साथ ही क्रैश डाइट आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है, आपको डीहाइड्रेट कर सकता है और हार्ट पेलपिटेशन और हृदय संबंधी तनाव को भी बढ़ा सकता है. दिल का स्वास्थ्य खराब करके पतले होने का कोई फायदा नहीं है.
जबकि संयम से शराब पीना (दिन में 1-2 ड्रिंक) आपके दिल के लिए अच्छा हो सकता है लेकिन अधिक शराब पीना कार्डियो-टॉक्सिक होता है, क्योंकि यह हृदय की मांसपेशियों को कमजोर करता है और ब्लड-प्रेशर बढ़ाता है.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन लोगों को चेतावनी देता है कि अगर वे पहले से शराब नहीं पीते हैं, तो वे अब शराब पीना शुरू न करें.
यहां तक कि बिंज-ड्रिंकिंग से भी समस्या हो सकती है, क्योंकि इससे हॉलिडे-हार्ट-सिंड्रोम हो सकता है, जिसमें अरिदमिया (अनियमित दिल की धड़कन) की संभावना बढ़ जाती है, जिससे अन्य हृदय संबंधी समस्याओं की संभावना भी बढ़ जाती है.
धूम्रपान सीधे रक्त वाहिकाओं में प्लाक के निर्माण को बढ़ाता है, जिससे प्रारंभिक हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है. यहां तक कि पैसिव स्मोकिंग भी एक बड़ा जोखिम कारक है.
जंक-फूड का सेवन भारतीयों, यहां तक कि युवा भारतीयों में भी, अत्यंत आम है. इससे शरीर में ट्राइग्लिसराइड बढ़ता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल कोलेस्ट्रॉल) कम होता है.
सही खाने और पर्याप्त व्यायाम करके अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए अपने वजन को बहुत ध्यान से देखना और अपने इष्टतम वजन के करीब रहना महत्वपूर्ण है. आज के युवा असंख्य कारणों से व्यायाम करने के लिए कम इच्छुक रहते हैं.
साथ ही वे बहुत अधिक बैठते हैं, और यह अब एक ज्ञात जोखिम कारक है (भले ही आप व्यायाम करते हैं). पर्याप्त गतिविधि की कमी हृदय के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है.
दूसरी ओर, अत्यधिक व्यायाम भी हृदय के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से हाई ब्लड-प्रेशर है.
नींद की कमी हृदय रोग सहित कई बीमारियों के बढ़ते जोखिम के लिए एक प्रमुख कारक बन रही है.
(कविता देवगन दिल्ली में स्थित एक पोषण विशेषज्ञ, वजन प्रबंधन सलाहकार और स्वास्थ्य लेखिका हैं. वह द डोन्ट डाइट प्लान: ए नो-नॉनसेंस गाइड टू वेट लॉस, फिक्स इट विथ फूड, अल्टीमेट ग्रांडमदर हैक्स और डोंट डाइट! 50 हैबिट्स ऑफ थिन पीपल, की लेखिका हैं)
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