ऐसे COVID-19 रोगी जो हृदय रोग से ग्रसित हैं या जिनमें हृदय रोग होने का जोखिम है, उनके मरने की आशंका अधिक है. यह बात बड़े पैमाने पर हुए एक अध्ययन में सामने आई है.

PLOS ONE जर्नल में आए अध्ययन के अनुसार दिल की बीमारियों वाले कोविड-19 रोगियों का इलाज करने के दौरान क्लीनीशियन को इनके रिस्क फैक्टर्स को समझना कठिन रहा.

इटली के मैग्ना ग्रेसेया यूनिवर्सिटी के लेखकों ने कहा, "ज्यादातर लोगों के लिए कोरोनावायरस डिजीज (COVID-19) हल्की बीमारी का कारण बनता है, हालांकि, यह गंभीर निमोनिया पैदा कर सकता है और कुछ लोगों में मृत्यु का कारण बन सकता है."

इस अध्ययन में रिसर्च टीम ने एशिया, यूरोप और अमेरिका में कुल 77,317 अस्पताल में भर्ती मरीजों कोविड-19 रोगियों पर प्रकाशित 21 ऑब्जर्वेशनल स्टडीज के आंकड़ों का विश्लेषण किया है.

इसमें पाया गया कि जिस समय रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, उस समय 12.89 प्रतिशत रोगियों में हृदय संबंधी परेशानियां, 36.08 प्रतिशत को हाई ब्लड प्रेशर और 19.45 प्रतिशत को डायबिटीज था.

निष्कर्षों से पता चलता है कि 14.09 फीसदी कोविड -19 रोगियों में अस्पताल में रहने के दौरान हृदय संबंधी जटिलताएं दर्ज की गई थीं.

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जब शोधकर्ताओं ने डेटा का विश्लेषण किया, तो उन्होंने पाया कि पहले से मौजूद कार्डियोवस्कुलर कोमॉर्बिटीज या जोखिम कारक हृदय संबंधी जटिलताओं के प्रिडिक्टर थे.

अध्ययन के लेखक ने कहा, "कोविड-19 रोगियों में हृदय संबंधी जटिलताएं आम हैं और यह मृत्यु दर बढ़ाने में योगदान दे सकती हैं."

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